कहां हैं भाजपा के लौहपुरुष और ‘राम पॉलिटिक्स’ के जनक लालकृष्ण आडवाणी! जिसकी रथ यात्रा से घर-घर पहुंचा बाबरी विवाद, इस गौरवमयी क्षण में कौन कर रहा याद?

एक दौर भी भाजपा का मतलब ही वाजपेय, आडवाणी और जोशी की तिकड़ी मानी जाती थी, ठीक वैसे ही जैसे आज पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी को  माना जाता है, लेकिन तब भाजपा के सेकेंड लाइन नेतृत्व में रहे आडवाणी को कभी भी शीर्ष तक पहुंचने का सौभाग्य नहीं मिला, अब देखना होगा कि आज के सेकेंड लाइन नेतृत्व को यह सौभाग्य मिल पाता है या नहीं, वैसे राजनीति में सफलता और असफलता के बीच कई दीवार होती है, और जरुरी नहीं है कि हर बार उस दीवार का तोड़ ही दिया जाय, लेकिन सफलता असफलता की बात  अपनी जगह, लेकिन उस लौह पुरुष का यह हस्श्र दुखदायक जरुर है. खास कर तब जब हम अपनी संस्कृति में बुजुर्गों के सम्मान का दावा करते हैं, यह पीड़ा और भी कष्टकारी है.       

कहां हैं भाजपा के लौहपुरुष और ‘राम पॉलिटिक्स’ के जनक लालकृष्ण आडवाणी! जिसकी रथ यात्रा से घर-घर पहुंचा बाबरी विवाद, इस गौरवमयी क्षण में कौन कर रहा याद?