फील गुड का शिकार तो नहीं हो रहें हेमंत! गिरफ्तारी के बाद पार्टी में भी बढ़ सकती है उलझनें

जो लोबिन आदिवासी मूलवासियों के सवाल पर लगातार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहते हैं, क्या वही लोबिन बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा के साथ खड़ा होने का दुस्साहस नहीं करेंगे, यहां साफ कर दें कि यह लोबिन कोई भी हो सकता है, लोबिन तो महज एक प्रतीक हैं, लेकिन झामुमो में लोबिनों की कमी नहीं है, झामुमो को अपने फील गुड से बाहर निकल इन सवालों का जवाब जरुर तलाशना चाहिए.

फील गुड का शिकार तो नहीं हो रहें हेमंत! गिरफ्तारी के बाद पार्टी में भी बढ़ सकती है उलझनें