Ranchi-भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम के द्वारा सीएम हेमंत को भगोड़ा करार देने पर पलटवार करते हुए कांग्रेस राजेश सिन्हा ने कहा कि भाजपा को यह आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए. ललीत मोदी से लेकर नीरव मोदी को उनकी काली कमाई के साथ भगाने वाली भाजपा आज किस मुंह से हेमंत सोरेन को भगोड़ा बताने का साहस दिखला रही है. अंग्रेजों ने इस देश को फूट डालो राज करो कि नीति से लूटा, तो अंग्रेजों के बताये रास्ते पर चलते हुए भाजपा ने डाइवर्ट एंड रुल का रास्ता अपनाया, इनके हर बयान में एक शगुफा होता है, फालतू के मुद्दे उछाल कर देश के असल मुद्दों को डायवर्ट करना इनकी राजनीति का हिस्सा है. जब देश में एक व्यक्ति की तानाशाही चल रही हो, उसके एक इशारे पर निर्वाचित प्रतिनिधियों को संसद से बाहर निकाला जा रहा हो, अडाणी से अम्बानी तक सवाल पूछने पर रोक लगायी जा रही हो, उस हालत में एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को भगोड़ा बताना, भाजपा के मानसिक दिवालियापन का जीता-जागता प्रतीक है.
एक आदिवासी को बताया भगोड़ा, अब चुकानी होगी इसकी कीमत
एक आदिवासी मुख्यमंत्री को भगोड़ा बताना भाजपा को कितना भारी पड़ेगा, शायद भाजपा को इसका अंदाजा भी नहीं है. राज्य के आदिवासी मूलवासी भाजपा के इस बयान को गांठ बांध कर रखेंगे, और वक्त आने पर इसका हिसाब भी करेंगे. तब भाजपा को जमीनी हालत का पता चलेगा कि असली भगोड़ा कौन है. ये चाहे अपनी जीत का जीतना ढिढ़ोरा पीट लें, लेकिन हकीकत यही है कि 2024 में झारखंड से भाजपा की बोहनी होनी भी मुश्किल होगी. इंडिया गठबंधन पूरी ताकत के साथ भाजपा का मुकाबला करेगी, और हर कीमत पर इन्हे झारखंड से निकाल बाहर करेगी.
यहां ध्यान रहे कि अपने रांची दौरे पर राजधानी पहुंचे भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम ने सीएम हेमंत को भगोड़ा बताते हुए यह दावा किया था कि चीफ सेक्रेटरी पद से सुखदेव की छुट्टी के बाद अब अजय कुमार सिंह का भी राज्य के डीजीपी पद से छुट्टी होने वाली है. उन्होने बताया था कि चीफ सेक्रेटरी सुखदेव सिंह के तबादले के पीछे कोई प्रशासनिक वजह नहीं थी, बल्कि इसके पीछे सीएम हेमंत की सोची समझी रणनीति थी, हेमंत सोरेन पर जिस तरीके से ईडी की जांच हर दिन एक नया मोड़ ले रही है. अब तक छह-छह समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलावा भेजा गया है, बावजूद इसके ईडी के सवालों का जवाब देने के बजाय सीएम हेमंत भागते फिर रहे हैं, लेकिन यह उन्हे भी पता है कि यह भागदौड़ ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है, एक दिन थक-हार कर ईडी की शरण में जाना ही होगा, और उसके बाद गिरफ्तारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. हेमंत सोरेन इस गिरफ्तारी के वक्त अपने चुनिंदा और वफादार अधिकारियों की तैनाती चाहते हैं, ताकि उनकी गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाया जा सके
चुनिंदा और विश्वासपात्र अधिकारियों की तैनाती कर गिरफ्तारी में रोड़ा लगाने की कवायद
यहां याद रहे कि सुखदेव सिंह के सेवानिवृति में महज तीन माह का समय बाकी है, इस बीच उन्हे चीफ सेक्रेटरी के पद से स्थांतरित कर श्रीकृष्ण लोकसेवा संस्थान में महानिदेशक की जिम्मेवारी सौंपी गयी है और उनके बदले एल ख्यांगते को मुख्य सचिव की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. सुखदेव सिंह की गिनती बड़े ही कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार अधिकारी के रुप में होती है. यही कारण है कि सरकार की ओर से उन्हे श्रीकृष्ण लोकसेवा संस्थान में महानिदेशक जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी गयी है. लेकिन जफर इस्लाम इस तबादले को भी सियासी शक्ल देने की कोशिश में हैं. उनका आरोप है कि गिरफ्तारी से पहले हेमंत सरकार अपने विश्वासपात्र अधिकारियों को चुंनिदा पदों पर बैठाना चाहती है, ताकि ये अधिकारियों के द्वारा उनकी गिरफ्तारी में अड़ंगा लगाया जाय, या हेमंत की गिरफ्तारी के बाद इन अधिकारियों के बूते किसी कठपुतली को सामने रख कर सरकार का संचालन किया जाय.
हेमंत सरकार का जाना, हकीकत या फ़साना! 2024 के महासंग्राम के पहले भाजपा का असमंजस