Jharkhand- सुरंग से बाहर तो निकल गया भक्तू मुर्मू, लेकिन जब तक पहुंचती खबर, देखिये कैसे लगा एक और सदमा

अब कल्पना की जा सकती है कि 17 दिनों के उस संघर्ष को जीत कर जब भक्तू मुर्मू अपना गांव पहुंचेगा, लोगों में उल्लास होगा, जयकारे होंगे, लेकिन एक उदासी की गहरी छाया भी होगी, कौन उसके सामने यह बताने की हिम्मत जुटा पायेगा कि जिस वृद्ध पिता की भूख मिटाने के लिए वह उस गहरी सुंरग में गया था, अपना दम तोड़ चुका है. निश्चित रुप से यह सदमा भक्तू मुर्मू के लिए उस गहरी सुंरग में बिताये गये काली रात से भी ज्यादा खौफनाक होगा.

Jharkhand- सुरंग से बाहर तो निकल गया भक्तू मुर्मू,  लेकिन जब तक पहुंचती खबर, देखिये कैसे लगा एक और  सदमा