Jharkhand- पिछड़ों के आरक्षण विस्तार से राज्यपाल का इंकार, बिहार में 75 फीसदी आरक्षण तो झारखंड में 77 फीसदी पर आपत्ति? जानिये कौन है इसका गुनाहगार

यदि हेमंत सरकार ऐसा नहीं कर इसे सिर्फ केन्द्र सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए एक टूल के रुप में इस्तेमाल करती है तो निश्चित रुप से पिछड़ी जातियों में इसका नकारात्मक संदेश जायेगा और इसके साथ ही भाजपा भी इसे एक चुनावी  मुद्दा बनाने से पीछे नहीं रहेगी. अब देखना होगा कि हेमंत सरकार क्या फैसला लेती है.  लेकिन इतना निश्चित है कि झारखंड मे यह विवाद अब तूल पकड़ने वाला है. और इसका नुकसान हेमंत सरकार को भी भुगतना पड़ सकता है.

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