"ये दुनिया गद्दारों का है साहब यहां हुनर नहीं चापलूसी के सिक्के चलते है " मंत्री पद की बेचैनी या विधायक इरफान को ‘वैलेंटाइन डे’ पर याद आया पुराना किस्सा

इस बार भी उनकी कोशिश किसी भी तरीके से मंत्रिमंडल में अपना जुगाड़ लगाने की थी, लेकिन झारखंड प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर और कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर इस बार भी उनकी पुरानी मुराद के सामने दीवार बन कर खड़े हो गयें है, हेमंत के साथ अपनी नजदीकियों का बखान और अपने आप को उनका हनुमान बताने के बावजूद उन्हे एक अदद मंत्री पद नहीं मिल रहा है, और तो और जिस तरीके से  उनके द्वारा अपने को हेमंत का हनुमान बताया, उसके बाद खुद कांग्रेस के अंदर ही उन्हे संदेह की नजर से देखा जाने लगा

"ये दुनिया गद्दारों का है साहब यहां हुनर नहीं चापलूसी के सिक्के चलते है " मंत्री पद की बेचैनी या विधायक इरफान को ‘वैलेंटाइन डे’ पर याद आया पुराना किस्सा