इतिहास के पन्नों से गायब मादर-ए-वतन का पहला शहीद जबरा पहाड़िया! अंग्रेजी सत्ता और दिकुओं के जुल्म के खिलाफ बगावत का पहला स्वर

जब 1770 में इस इलाके में भीषण अकाल पड़ा, चारों तरफ हाहाकार की स्थिति मच गयी तो उसने अंग्रेजी खजाना को लूटकर गरीबों के बीच बांट दिया, और यही उसके संताल हुल की शुरुआत होती है. उसकी छवि एक रॉबिनहुड की बन गयी जो अमीरों को लूट कर गरीबों में बांटता था. सन 1784 आते आते जबरिया इतना आक्रमक हो चुका था कि उसने 13 जनवरी को तात्कालीन अंग्रेज कलेक्टर ‘अगस्टस क्लीवलैंड’ अपने जहरीले तीर से मार गिराया,

इतिहास के पन्नों से गायब मादर-ए-वतन का पहला शहीद जबरा पहाड़िया! अंग्रेजी सत्ता और दिकुओं के जुल्म के खिलाफ बगावत का पहला स्वर