बिहार की सियासत में अगले 72 घंटे अहम! अल्टीमेटम का दौर शुरु! छठी पलटी की ओर बढ़ता सुशासन बाबू की पॉलिटिक्स

जहां तक बात रही कि नीतीश कुमार की इस संभावित पलटी को अंजाम कैसै दिया जायेगा? तो उसका गणित बेहद साफ है, नीतीश कुमार को इस बार ना तो राजभवन जाना है, और ना ही विधायकों का मान मनौवल करना है, उन्हे तो बस अपने मंत्रिमंडल से भाजपा कोटे से शपथ दिलवाये गये मंत्रियों को बर्खास्त कर राजद कोटो से मंत्रियों की इंट्री करवानी है. उस हालत में भाजपा के पास अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का पूरा अवसर होगा, और यह नीतीश के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं होगी. क्योंकि यदि उनके आधे से अधिक विधायक भी भाजपा का दामन थाम लें, तो भी नीतीश की कुर्सी खतरे में नहीं आयेगी.

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