पिछड़ों के आरक्षण विस्तार पर राज्यपाल का इंकार! तो फिर जाति आधारित गणना से क्यों भागती दिख रही है हेमंत सरकार

शायद हेमंत सोरेन की  सरकार फिलहाल उस सामाजिक समीकरण में कोई बड़ा उलटफेर नहीं चाहती. और यही कारण है कि वह इसका दावा तो जरुर करती है, लेकिन उस दिशा में अंतिम पहल नहीं करना चाहती. लेकिन मूल सवाल यही है कि आखिर पिछड़ों को उनका हक कब मिलेगा. डबल इंजन की भाजपा सरकार से निराशा हाथ लगी तो आदिवासी मूलवासी की बात करने वाली झामुमो सरकार भी उसे अंतिम अंजाम तक ले जाने में विफल रही.

पिछड़ों के आरक्षण विस्तार पर राज्यपाल का इंकार! तो फिर जाति आधारित गणना से क्यों भागती दिख रही है हेमंत सरकार