गिरिडीह का दंगल- भाजपा के ‘राम’ पर भारी ‘जयराम’! झामुमो के सामने कुर्मी-महतो मतदाताओं को बांधे रखने की चुनौती

जिन तीरों और वाणों के सहारे झामुमो अब तक भाजपा के खिलाफ आदिवासी मूलवासी समाज का धुर्वीकरण करती रही थी, उन तीरों और वाणों का जयराम के सामने कोई प्रासंगिकता नजर नहीं आती. इस हालत में इस बार गिरिडीह के दंगल में झामुमो के सामने अपनी साख बचाने की  चुनौती होगी. जबकि भाजपा के लिए अभी भी वक्त है कि वह नये तीर और चेहरों की तलाश तेज कर दें, क्योंकि जिस चेहरों के सहारे वह अब तक सियासी चाल चलती रही है, जयराम की इंट्री के बाद सवाल उन्ही चेहरों पर उठने लगा है.

गिरिडीह का दंगल- भाजपा के ‘राम’ पर भारी ‘जयराम’! झामुमो के सामने कुर्मी-महतो मतदाताओं को बांधे रखने की चुनौती