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झारखंड में सरहुल पर नया विवाद! गीता श्री उरांव ने जनसम्पर्क विभाग पर लगाया "सनातनीकरण" का आरोप, जानिये क्या है विवाद की वजह

झारखंड में सरहुल पर नया विवाद! गीता श्री उरांव ने जनसम्पर्क विभाग पर लगाया "सनातनीकरण" का आरोप,  जानिये क्या है विवाद की वजह

Ranchi- नव वर्ष की शुरुआत के रुप में बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मुंडा, भूमिज, संताल और उरांव जनजाति का त्योहार सरहुल इस बार 11 अप्रैल को मनाया जाना है. लेकिन इसके पहले ही इस पर सियासत तेज हो गयी है. कांग्रेसी नेता गीता श्री उरांव ने जनसंपर्क विभाग की ओर से अपलोड जानकारियों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए सरहुल पर सनातनी लेवल लगाने का आरोप लगाया है और इसके साथ ही तत्काल इसमें सुधार की मांग की गयी है. अपने सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर गीता श्री उरांव ने लिखा है कि “ झारखंड सरकार के वेबसाइट पर सरहुल क्यों मनाया जाता है, इसका जवाब देखिये?!! मा० मुख्यमंत्री जी,कृपया अवलोकन किया जाए,राज्य के जनसंपर्क विभाग के द्बारा जारी उपरोक्त संलेख में आदिवासी सभ्यता संस्कृति के पर्व को तोड़ मरोड़ कर 'सनातनी' लेवल लगाना निश्चित रूप से निन्दनीय है.

क्यों और कब मनाया जाता है सरहुल

ध्यान रहे कि चैत महीने के तीसरे दिन, चैत्र शुक्ल तृतीया को इसका आयोजन किया जाता है. आदिवासी समाज सरना वृक्ष के नीचे प्रकृति का पूजन करता है. यह बंसत ऋतु का त्योहार है. आदिवासी परंपरा के अनुसार इस पर्व के बाद नई फसल की कटाई शुरू हो होती है और इसी दिन से नये वर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है. झारखंड में इस दिन राजकीय अवकास रहता है. साफ है कि यह पर्व प्रकृति का पूजन है, जिसमें साल वृक्ष की पूजा की जाती है. साल यानि आदिवासी समाज का सबसे पवित्र वृक्ष.

क्या है विवाद की वजह

दरअसल इस विवाद की शुरुआत झारखंड सरकार के जनसम्पर्क विभाग के द्वारा इस त्योहार को लेकर अपलोड की गयी जानकारियों के बाद हुई है. जनसम्पर्क विभाग के द्वारा दी गयी जानकारियों के अनुसार इस त्योहार में आदिवासी समाज के द्वारा मां सीता की पूजा की जाती है और इसी के बाद विवाद की शुरुआत हो गयी. गीता श्री उरांव ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते पूछा कि आखिर यह क्या हो रहा है, आदिवासी समाज का इस महान पर्व पर सनातनी लेवल लगाने की साजिश किसके इशारे पर की जा रही है. जब जल जंगल और जमीन की बात करने वाली, आदिवासी परंपरा और अस्मिता की हुंकार लगाने वाली सरकार ही इसका सनातनीकरण करेगी तो दूसरी सरकारों से क्या आशा किया जा सकता है.

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Published at:27 Mar 2024 12:29 PM (IST)
Tags:Sanatanization of Sarhul identity of tribal society in danger! Champai government in the dock due to Geeta Shri Oraon's question! Know how the controversy started गीता श्री उरांव Gita Shri UravNew controversy arises over Sarhul in Jharkhandझारखंड में सरहुल पर खड़ा हुआ नया विवाद Geeta Shri Oraon geeta shree oraongeetashree oraongeeta shree oraon interviewgeetashri oraongeeta shri oraongeeta shree oraon newsgeetashree oraon newsgeetashree oraon jharkhandgeetashree oraon news todaygitashree oraon news today
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