Ranchi-झारखंड की सियासत में धनबाद लोकसभा की सीट आज सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. बाधमारा विधायक ढुल्लू महतो की उम्मीदवार की घोषणा होती ही विरोध और समर्थन का दौर शुरु हो चुका है और विरोध और समर्थन के इस खेल में एक तरफ सरयू राय विरोधी खेमे का नेतृत्व करते दिख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर धनबाद का कुख्यात गैंगस्टर प्रिन्स खान ढुल्लू महतो के पक्ष में बैंटिंग करता नजर आ रहा है. और इन दोनों की बैटिंग में धनबाद की सियासत में हर दिन एक नया गूल खिलता दिख रहा है. एक साथ कई रंग देखने को मिल रहे हैं. सरयू राय ढुल्लू महतो के अतीत के पन्नों को खंगाल खंगाल कर उन मामलों की पूरी सूची सामने ला रहे हैं, जिन पन्नों में ढुल्लू महतो का अतीत लिपटा है, जबकि गैंगस्टर प्रिन्स खान की कोशिश इस पूरी लड़ाई को अगड़ा बनाम पिछड़ा का रंग देने की है.
इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन?
लेकिन इस सबसे के बीच इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन होगा? धनबाद के सियासी गलियारों में एक सवाल बन कर खड़ा है. कभी ददई दूबे की चर्चा होती है, तो कभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की इंट्री की चर्चा होती है. कहा जा सकता है कि धनबाद को लेकर कांग्रेस काफी उलझन में है और यह उलझन ढुल्लू महतो की इंट्री के बाद और भी घनीभूत हुई है. कांग्रेस की उलझन इस बात को लेकर भी है भाजपा के इस पिछड़ा कार्ड के सामने उसका चेहरा कौन हो? लेकिन इन तमाम चुनौतियों के बावजूद सरयू राय हर दिन ढुल्लू महतो के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं और उनकी इस मोर्चाबंदी के कारण ढुल्लू महतो की उम्मीदवारी से नाराज तमाम चेहरे सरयू राय के इर्द-गिर्द खड़े दिख रहे हैं. सरयू राय की इस सक्रियता के कारण भी कांग्रेस की उलझन बढ़ती नजर आ रही है. पार्टी के अंदर यह सवाल भी खड़ा होने लगा है, क्या बदले सियासी हालात में सरयू राय पर ही दांव लगाकर इंडिया गठबंधन अपनी राह आसान कर सकता है?
क्या सरयू राय पर दांव लगा इंडिया गठबंधन कर सकता है अपनी राह आसान
सरयू की संभावना को बल झामुमो महासचिव सुप्रियो के बयान से मिलता दिख रहा है, जिसमें सुप्रियो इस बात संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं. यदि कांग्रेस सरयू राय पर दांव लगाने का फैसला करती है, तो झामुमो इस पर विचार कर सकता है, सुप्रियो के इस बयान के साफ है कि महागठबंधन के अंदर सरयू राय को लेकर अंदरखाने मंथन का दौर शुरु हो चुका है. दरअसल धनबाद का सियासी और सामाजिक समीकरण भी सरयू राय के पक्ष में जाता दिखता है. एक आकलन के अनुसार धनबाद संसदीय सीट पर 14 फीसदी अल्पसंख्यक, 10 फीसदी आदिवासी और इसके साथ ही अगड़ी जातियों की एक बड़ी आबादी है, इसके साथ ही महतो मतदाताओं की भी एक अच्छी खासी आबादी है, इस हालत में यदि सरयू राय दांव खेला जाता है तो ढुल्लू महतो को विरोध में अगड़ी जातियों की नाराजगी को कैश किया जा सकता है. साथ ही कांग्रेस झामुमो का आधार मतदाता अल्पसंख्यक और आदिवासी मतों की जुगलबंदी से इस लडाई को दिलचस्प मोड़ भी खड़ा किया जा सकता है, इस हालत में देखना होगा कि क्या कांग्रेस और झाममो सरयू राय की इस सियासी बारात में शामिल होने का फैसला करते हैं या फिर अपने लिए किसी नये दुल्हे की तलाश करते हैं.
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