Ranchi-पूर्व सीएम हेमंत पर आरोपों की बौछार करने के क्रम में भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि जिस आदिवासी समाज के पॉकेट में एक हजार रुपया नहीं होता. उस समाज से आने एक आदिवासी सीएम ने करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया. इस बयान के बाद सियासत गर्म होती नजर आने लगी है और इसे आदिवासी समाज की अस्मिता और पहचान पर हमला बताया जा रहा है. ध्यान रहे कि कुछ इसी तरह का बयान चर्चित एंकर सुधीर चौधरी के द्वारा दिया गया था, जिसमें उनके द्वारा कहा गया था कि जंगल-झाड़ में रहने वाला आदिवासी समाज से आने वाले हेमंत सोरेन आज लाखों के कार में सफर कर रहे हैं. हवाई जहाज पर उड़ रहे हैं, जिसके जवाब में सीएम हेमंत ने कहा था कि भाजपा को एक आदिवासी का बीमड्बलयू कार से सफर करना. हवाई जहाज से उड़ना रास नहीं आ रहा है. उसका दर्द किसी जमीन के टूकड़े को लेकर नहीं है. उसकी पीड़ा तो एक आदिवासी सीएम के द्वारा बीमड्बलयू कार की सवारी से है. जिसके बाद सुधीर चौधरी ने अपनी सफाई पेश किया था. अब भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के द्वारा भी ठीक उसी राह पर चलते हुए यह दावा किया गया है कि जिस आदिवासी समाज के पास एक हजार का नोट नहीं होता, उस समाज से आने वाले एक आदिवासी सीएम के द्वारा करोड़ों की जमीन हड़पी जा रही है. अब देखना होगा कि अजय आलोक के इस बयान के बाद झामुमो की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है. लेकिन इतना तय है कि झामुमो इस बयान को लेकर सियासत की शुरुआत करेगी और एन चुनाव पहले झामुमो को आदिवासी समाज को गोलबंद करने का एक मुद्दा मिल गया है.
अभिषेक प्रसाद पिंटू ने सरकारी गवाह बनना स्वीकार किया
कथित जमीन घोटाले मामले में अजय आलोक ने दावा किया है कि पूर्व सीएम हेमंत का प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू ने सरकारी गवाह बनना स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद झामुमो की ओर से उसे रास्ते से हटाने की साजिश शुरु हो गयी है, उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा है. बिहार और झारखंड प्रधानमंत्री मोदी की दो आंखे है. वह किसी भी कीमत पर किसी भी आंख को खराब नहीं होने देंगे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी भाजपाई ने ही राज्य को अलग कर यहां के लोगों को सौगात दी थी. भाजपा ने ही झारखंड को बनाया है, और इसे गढ़ने का काम भी भाजपा ही करेगी. झारखंड के साथ छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ था, आज छत्तीसगढ़ कहां है, वह एक विकसित राज्य में तब्दील हो चुका है, उस तुलना में झारखंड कहां है. झामुमो पर तंज कसते हुए अजय आलोक ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा दरअसल जमीन बेचो मोर्चा है. अभी तो एक जमीन का मसला ईडी के सामने आया है. आगे ना जाने कितने मामले सामने आयेंगे. झामुमो को लगता है कि उसे हेमंत की गिरफ्तारी में सहानूभति का वोट मिलेगा, यह उसका दिवा स्वपन है. झारखंड की जनता सच जान चुकी है. चुनाव में झारखंड की जनता ही इसका जवाब देगी.
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