Ranchi-झारखंड की सियासत में एक बड़े बदलाव की खबर सामने आ रही है. अब तक जिस दुमका से कल्पना सोरेन को चुनावी अखाड़े में उतरने की चर्चा थी. खबर है कि अब उसी दुमका से पूर्व सीएम हेमंत सियासी मैदान में कूदने की तैयारी में हैं. बदले सियासी हालात में हेमंत की रणनीति झारखंड की सियासत की बागडोर पत्नी कल्पना सोरेन के हाथों में सौंप राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करने की है और इसी रणनीति के तहत कल्पना सोरेन को गांडेय विधान सभा उपचुनाव उतारने की तैयारी पूरी कर ली गयी है.
झारखंड में इंडिया गठबंधन का स्टार प्रचारक होंगी कल्पना
दरअसल खबर यह है कि हेमंत की गिरफ्तारी के बाद जिस तरीके से कल्पना सोरेन ने मोर्चा संभाला है. जिस आक्रमकता के साथ भाजपा पर प्रहार किया है और अपने संबोधनों से वाहवाही बटोरी है. उससे हेमंत काफी आश्वस्त है, और यह विश्वास हो चला है कि कल्पना सोरेन में वह सारे सियासी कौशल और समझदारी मौजूद है. जिसके सहारे राज्य की सियासत को साधा जा सकता है और यही से हेमंत के अंदर राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश की चाहत जागी. झामुमो रणनीतिकारों का आकलन है कि राष्ट्रीय राजनीति में एक कद्दावर आदिवासी चेहरे का अभाव है. जिसकी आवाज को आदिवासी समाज की आवाज मानी जाय, राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश कर हेमंत सोरेन इस कमी को पूरी कर सकते हैं. और इसी रणनीति के तहत कल्पना सोरेन को गांडेय उपचुनाव में उतारा जा रहा है. दावा किया जाता है कि सारी तैयारी पूरी है, सिर्फ दुमका से पूर्व सीएम हेमंत और गांडेय से कल्पना सोरेन के नाम की औपचारिक घोषणा करनी बाकी है. दूसरी खबर यह भी है कि झारखंड में इंडिया गठबंधन का प्रचार-प्रसार का पूरा जिम्मा भी कल्पना सोरेन के कंधों पर होगा. महागठबंधन का स्टार प्रचारक कल्पना ही होगी. झामुमो रणनीतिकारों का मानना है कि आदिवासी बहुल इलाकों में सीएम चंपाई की मांग अधिक होगी, वहीं शहरी आबादी के साथ ही महिलाओं और जनजाति समाज के बीच कल्पना एक बड़ा चेहरा होंगी. यानि एक तरफ चंपाई सोरेन अपने चेहरे के बूते झामुमो के पुराने कार्यकर्तांओं में हौसले का संचार करेंगे तो कल्पना सोरेन शहरी मतदाताओं के साथ ही राज्य की आधी आबादी से संवाद की कोशिश करेगी.