दिल्ली से कल्पना सोरेन की हुंकार! “झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं” खून और आग से लिखा है आदिवासियों का इतिहास

आपकी इन्ही उंगलियों की ताकत के देश से तानाशाही का यह दौर खत्म होगा. चाहे जितनी भी बड़ी ताकत हो, आखिरकार उसे एक दिन झुकना पड़ता है. यदि आप एकजूट और संकल्पित रहे तो इस बार भाजपा की विदाई तय है.

दिल्ली से कल्पना सोरेन की हुंकार! “झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं” खून और आग से लिखा है आदिवासियों का इतिहास