Patna- करीबन दो दशकों के बाद राजधानी पटना के मिलर हाईस्कूल में पचास हजार की भीड़ जुटा कर सीपीआई ने यह साबित कर दिया है कि उसकी जमीनी पकड़ को अनदेखी करने की कोशिश इंडिया गठबंधन के साथियों पर भारी पड़ सकता है.इस शक्ति प्रर्दशन के साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के अन्दर टिकट वितरण पर सवाल खड़ा होने लगा है. दावा किया जा रहा है कि इस तरह की भीड़ को बगैर किसी अतिरिक्त संसाधनों के एकत्रित सिर्फ और सिर्फ वामदलों के बूते की बात है. जहां हाथों में सतू की पोटली और बासी रोटी के साथ लोग अपने नेता की एक आवाज पर निकल पड़ते हैं. दावा किया जा रहा है कि सीपीआई की इस भीड़ को देखकर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आश्चर्य में पड़ गयें, खास कर महिलाओं की भीड़ उन्हे आश्चर्य में डाल रहा था. इधर यह कयास भी तेज चुका है कि सीपीआई इस भीड़ को दिखलाकर इंडिया गठबंधन के अपने प्रमुख सहयोगियों को अपनी ताकत का प्रर्दशन करना चाहती है, अब उसकी ओर से टिकट वितरण में अधिक से अधिक हिस्सेदारी का दवाब बनाया जायेगा.
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मधुबनी की सीट जा सकती है सीपीआई के पाले में
ध्यान रहे कि सीपीआई की नजर बेगूसराय, मधुबनी के साथ ही बांका लोकसभा की सीट पर है, जिसमें बांका संसदीय सीट पर अभी जदयू का कब्जा है, लेकिन उससे भी बड़ा पेच यह है कि इस सीट पर राजद की भी नजर लगी हुई है. जबकि बेगूसराय की सीट पर अभी भाजपा का कब्जा है, जहां से गिरिराज सिंह सांसद है, लेकिन इस सीट पर जदयू की नजर है, वह यहां से अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है. इस प्रकार ले देकर सिर्फ मधुबनी की सीट बचती है, जो सीपीआई के खाते में जा सकता है, और यहीं से रस्साकसी शुरु होती है. हालांकि जानकारों का कहना है कि इस शक्ति प्रर्दशन का सीपीआई को अभी को लाभ मिलता नजर नहीं आता है, क्योंकि करीबन करीबन सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन की ओर नामों का चयन कर लिया गया है, लेकिन सीपीआई को आने वाले विधान सभा चुनाव में इसका लाभ जरुर मिल सकता है.
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