जल, जंगल जमीन की लड़ाई छोड़ कमल की सवारी! राजमहल के दंगल में लोबिन हेम्ब्रम को उतार हेमलाल का हिसाब चुकता करने की तैयारी

हालांकि अभी भी बड़ा सवाल यह है कि क्या लोबिन इस ऑफर को स्वीकार करने की स्थिति में हैं, क्या वह इस रास्ते आगे बढ़ने को तैयार है, क्योंकि लोबिन का जो मिजाज और अंदाज है, उसे भाजपा नेतृत्व ज्यादा दिनों तक बर्दास्त करने की स्थिति होगा, इस पर बड़ा संशय है, जब लोबिन जल जंगल और जमीन की लूट के सवाल पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं, तो भाजपा पर तो कॉरपोरेट घरानों के लिए आदिवासियों की जमीन पर नजर लगाये रखने का आरोप काफी पुराना है, और यह आरोप खुद  लोबिन भी लगाते रहे हैं, इस हालत में देखना होगा कि यह डील किस अंजाम तक पहुंचता है, क्योंकि राजनीति तो नाम ही संभावनाओं का खेल है, उसी संभावनाओं में एक संभावना यह भी हो सकती है, लेकिन फिलहाल लोबिन इस तरह के तमाम खबरों को एक सुर में खारिज कर रहे हैं.

जल, जंगल जमीन की लड़ाई छोड़ कमल की सवारी! राजमहल के दंगल में लोबिन हेम्ब्रम को उतार हेमलाल का हिसाब चुकता करने की तैयारी