शादी की अठारहवीं सालगिरह और सीलन भरे कमरे में कैद दिशोम गुरु का “संघर्ष”, बिखर गयी “कल्पना” की उड़ान या फिर सामने खड़ा है उलगुलान

शादी की अठारहवीं सालगिरह और सीलन भरे कमरे में कैद दिशोम गुरु का “संघर्ष”, बिखर गयी “कल्पना” की उड़ान या फिर सामने खड़ा है उलगुलान