रांची(RANCHI):कल विधान सभा के अंदर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन का यह दावा कि जिस जमीन पर कब्जा करने का आरोप उन पर चस्पा किया जा रहा है, यदि कोई यह साबित कर दे कि उक्त जमीन उनके कब्जे में है, या उक्त जमीन की खरीद-बिक्री उनके द्वारा की गई है तो वह राजनीति तो क्या, झारखंड से बाहर जाने को तैयार है. अब उस दावे के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम बाबूलाल एक वीडियो के साथ सामने आये हैं. बाबूलाल का दावा है कि यह वीडियो उसी जमीन का है और आज भी इस जमीन पर हेमंत सोरेन का कब्जा है. संतोष नामक चौकीदार इस जमीन की रखवाली करता है. 16 अगस्त को उक्त जमीन को मुक्त करवाने के लिए राजकुमार पाहन नामक एक व्यक्ति के द्वारा ईडी को पत्र लिखा गया था और 11 जनवरी को जमीन की रिपोर्ट क्षेत्रीय कार्यालय को सौंप दी गयी थी.
दूसरे के नाम पर जमीन की खरीद करने का सोरेन परिवार का पुराना इतिहास
बाबूलाल का दावा है कि चूंकि उक्त जमीन को काली कमाई से खरीदी गयी है, इसलिए दस्तावेज में हेमंत सोरेन या उनके किसी परिजन का नाम दर्ज नहीं है और यह कोई पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी सोरेन परिवार के द्वारा दूसरे के नाम पर जमीन की खरीद-बिक्री की जाती रही है, दुमका में शिबू सोरेन का जो आलीशान घर है, वह भी योगेन्द्र तिवारी के नाम पर है. सोरेन परिवार की ओर से अपनी काली कमाई को इसी तरह अवैध संपत्तियों में लगाया जाता है.
सिर्फ वीडियो क्लीप के आधार दावा करना मुश्किल है
हालांकि जिस वीडियो के आधार पर बाबूलाल का यह दावा पेश कर रहे हैं, उक्त वीडियो की सच्चाई क्या है, अभी उसके लिए हमें इंतजार करना होगा.क्योंकि किसी भी जमीन का वीडियो सामने रख कर यह दावा पेश कर देना कि उक्त जमीन अमूक व्यक्ति का है, तो बेहद आसान है, लेकिन क्या इसी वीडियो के आधार पर हेमंत के खिलाफ कोर्ट में तर्क रखा जायेगा, क्या कोर्ट में यही वीडियो बतौर साक्ष्य पेश किया जायेगा, और सबसे बड़ी बात जिस राजकुमार पाहन के हवाले यह पूरी कहानी गढ़ी गयी है, उस राजकुमार का किरदार क्या है, कहीं राजकुमार पाहन को किसी सियासी पटकथा का हथियार तो नहीं बनाया जा रहा है, साफ है कि अभी इस मामले में कई परते खुलनी बाकी है, लेकिन फिलहाल बाबूलाल अपने वीडियो के आधार पर हेमंत को घेरने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं, अब देखना होगा कि इस मामले में झामुमो का पक्ष क्या आता है.
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