खूंटी के अखाड़े में भाजपा के सामने एक चायवाली की चुनौती! जल, जंगल और जमीन के संघर्ष का प्रतीक आदिवासी पत्रकार दयामणि बारला ने थामा पंजा

यह देखना दिलचस्प होगा कि एक चायवाली खूंटी के अखाड़े में भाजपा के सामने कितनी बड़ी चुनौती बन कर सामने आती है, और खास कर उस हालत में जब इस सीट से केन्द्रीय मंत्री अर्जून मुंडा का एक और बार मैदान में उतरने की चर्चा है. 

खूंटी के अखाड़े में भाजपा के सामने एक चायवाली की चुनौती! जल, जंगल और जमीन के संघर्ष का प्रतीक आदिवासी पत्रकार दयामणि बारला ने थामा पंजा