गरीब का काम करोगे तो वाह, नहीं करोगे तो आह, लोबिन का दावा डैम और खनन से उजड़ती झारखंडियों की जिंदगी, कौन खा रहा हमारे कोयले और खनन की रॉयल्टी

पूर्व सीएम हेमंत की चर्चा करते हुए लोबिन ने कहा कि आज हम उनकी सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा नहीं करना चाहते, लेकिन यह सवाल तो महत्वपूर्ण है कि तमाम कानूनों के रहते हुए भी आदिवासी मूलवासियों की जमीन क्यों खिसकती जा रही है, हमारी जमीनों को कौन खा रहा है, आखिर सीएनटी और दूसरे कानूनों का अनुपालन क्यों नहीं हो रहा. लोबिन ने कहा कि यदि गरीबों का काम करोगे तो वाह निकलेगा और नहीं करोगे तो आह मिलेगा, गरीब की इसी आह में हम सब डूब जायेंगे. क्योंकि अंतिम फैसला उसी जनता के हाथ में हैं. उसके फैसले के  बाद ही हम सदन में आते हैं.

गरीब का काम करोगे तो वाह, नहीं करोगे तो आह, लोबिन का दावा डैम और खनन से उजड़ती झारखंडियों की जिंदगी, कौन खा रहा हमारे कोयले और खनन की रॉयल्टी