फिर बदलेगी झारखंड की नियोजन नीति, जल्द शुरू होंगी नियुक्ति प्रक्रिया!

रांची (RANCHI): राज्य सरकार नियोजन नीति में बदलाव करने जा रही है. राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों के लिए राज्य से ही 10वीं और 12वीं परीक्षा पास करने की बाध्यता को भी खत्म करेगी. जबकि अभ्यर्थियों के स्थानीय रीति रिवाज परिवेश और भाषा का ज्ञान होने की शर्त को भी हटाया जा सकता है. हाईकोर्ट से नियोजन नीति के रद्द होने के बाद से सरकार ने यह फैसला लिया है. नियुक्ति नियमावली को लेकर बीते बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में विभागीय सचिवों की बैठक हुई थी. इसमें मुख्य सचिव ने पुरानी नियमावली के अनुरूप ही फिर से नई नियुक्ति नियमावली बनाने और स्वीकृति के लिए सरकार को भेजने का निर्देश दिया था. इसके अलावा नियमावली में अन्य बदलाव के बगैर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. जहां नियुक्तियां होनी है, वहां तेजी से काम करने के लिए कहा गया है, ताकि नए विज्ञापन को जल्दी से निकाला जा सके और नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू की जा सके.
दिसम्बर में कोर्ट ने किया था रद्द
झारखंड हाई कोर्ट ने 16 दिसंबर को झारखंड सरकार की नियोजन नीति को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि स्मृति में झारखंड से 10वीं और 12वीं पास करने की अनिवार्यता सिर्फ सामान्य श्रेणी के युवाओं के लिए है, जबकि रिजर्व वर्ग को इससे अलग रखा गया है. यह संविधान की मूल भावना और समानता के अधिकार के खिलाफ है. सरकार ने क्षेत्रीय भाषा की सूची से हिंदी को हटाकर उर्दू को शामिल कर लिया है, जबकि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में हिंदी मीडियम से पढ़ाई होती है. ऐसा करने का कोई आधार भी नहीं बताया और कोर्ट ने कहा था कि यह नियम एक खास वर्ग के लिए बनाया गया है.
रद्द हो गई थी 13,968 पदों पर होने वाली परीक्षाएं
हाईकोर्ट ने इस नियोजन नीति के तहत नियुक्ति के लिए जारी किए गए विज्ञापन को रद्द कर दिया गया था. राज्य में हाई कोर्ट के आदेश के बाद 13,968 पदों पर होने वाली नियुक्ति परिक्षाएं भी रद्द हो गई थी. रमेश हंसदा सहित अन्य छात्रों के द्वारा अलग-अलग याचिका दायर कर जेएसएससी की नियमावली को चुनौती दी गई थी. अभ्यर्थियों ने नियमावली को गलत बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी. इन याचिकाओं के आधार पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था.
शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम ने युवाओं को दिलाया था भरोसा
नियोजन नीति रद्द होने के बाद युवाओं में सरकार के प्रति भारी आक्रोश था. राज्य भर के सभी जिलों से करीब 10 हज़ार के संख्या में युवाओं ने विधानसभा का घेराव किया था. उसके बाद छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से विधानसभा से विधायकों की टीम छात्रों से मिलने आई और उन्हे भरोसा दिलाया कि आपकी मांगों पर सरकार विचार करेगी और सीएम हेमंत सोरेन ने सदन के अंदर कहा था कि अब सरकार युवाओं के अनुरूप नियोजन नीति बनाएगी ताकि अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी मिल सके.
4+