चाईबासा: शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा, 15 दिन पहले मिली जांच रिपोर्ट, मगर अब तक नहीं हुई कार्रवाई


चाईबासा(CHAIBASA): जिले के गोईलकेरा प्रखंड के शिक्षा विभाग में बीआरसी के लेखापाल आशुतोष कुमार श्रीवास्तव द्वारा फर्जी भाउचर बनाकर गोईलकेरा के कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के गार्ड रात्री प्रहरी दिलीप कुमार साव को भेंडर बना कर इनके खाते में करीब 30 लाख रूपया फर्जीवाड़ा कर डाल दिया गया था. इस मामले को लेकर द न्यूज पोस्ट ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी. इसी खबर के आलोक में उपायुक्त अनन्य मित्तल के द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए 27 दिसबंर को गोईलकेरा के बीडीओ और चक्रधरपुर के क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी को जांच कमेटी में शामिल कर जांच कराया गया था. निर्धारित समय के अनुसार मामले की जांच कर जांच दल के द्वारा अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी है. जांच में स्पष्ट साबित हो गया कि लेखापाल अशुतोष कुमार श्रीवास्तव ने कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के गार्ड दिलीप कुमार साव को भेंडर बना कर उसके खाते में फर्जी भाउचर पर 29.41 लाख रूपया की निकासी कर ली गई है. इस मामले में कुछ शिक्षक और प्रखंड के प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका भी शामिल है.
उपायुक्त के संज्ञान में मामला
ज्ञात हो कि गोईलकेरा प्रखंड के बीईओ पर पूर्व में घुस लेने के आरोप में निगरानी विभाग धर-दबोचा था. नोवामुण्डी प्रखंड में और जेल भेजा गया था. अब सवाल यह उठ रहा है कि जांच रिपोर्ट को दिए हुए 15 दिन हो गये है और विभाग के डीईओ के द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं किया गया है, और ना ही रूपये की रिकवरी की जा रही है, जिसके कारण चर्चा का विषय बना हुआ है कि डीईओ के द्वारा सभी आरोपी को बचाने में लगें है. जबकि यह मामला उपायुक्त के संज्ञान में है. अब देखना यह है कि कितने दिन में शिक्षा विभाग की नींद खुलती है और दोषी पर कार्रवाई करती है.
यह भी जानें
गोईलकेरा बीआरसी में लेखापाल आशुतोष श्रीवास्तव के द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासाय विद्यालय के गार्ड दिलीप कुमार साव के निजी खाते में 29.41 लाख रूपये फर्जी बाउचर बनाकर डाल दिये जाने की खबर पर जांच अधिकारियों के द्वारा सही पाया गया. इसी तरह जिले के अन्य प्रखंड़ो के बीआरसी में भी जांच की जाए तो एक बड़े घोटाले का खुलासा होगा. जिले में ज्यादातर लेखापाल कस्तुरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के साथ-साथ बीआरसी के लेखापाल भी है और यही वजह है कि कुछ लेखापाल अपने-अपने कार्य क्षेत्र बदलने के लिए अर्जी दे रखा है. इसी तरह का मामला नोवामुण्डी, मनोहरपुर, कुमारडुंगी, गुदरी, सोनुवा बंदगाव, जग्रनाथपुर, मझगांव आदि प्रखंड के बीआरसी में भी रुपये की लूट होने की खबर है यदि जांच हुई तो बड़ा घोटाला निकलेगी. इधर यह भी चर्चा है कि आखिर रात्री प्रहरी दिलीप कुमार साहु के खाते में भेजा गया करीब 30 लाख रूपये निकासी के बाद किसके-किसके खातें में गया, जो जांच का विषय है. वहीं यह भी चर्चा है कि एक क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी जो वर्तमान में जिला के शिक्षा पदाधिकारी बने हुए हैं, उनकी सहभागिता पूरी है और 76 पेज का जांच भी चल रही है. अब सवाल खड़ा हो रहा है कि किया 30 लाख रूपये रिकवर होगी और दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगा?
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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