जेपीएससी रिजल्ट : छात्र संगठनों ने गड़बड़ी का जताया संदेह, सीबीआई से जांच कराने की मांग


रांची (RANCHI) - झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा सातवीं से दसवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षाफल पर हुई धांधली को लेकर प्रेस वार्ता किया गया, प्रेस को संबोधित करते हुए आंदोलनकारी छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो और मनोज यादव ने बताया कि आयोग ने सातवीं से दसवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षाफल के साथ कट ऑफ जारी नहीं किया ना ही छात्रों का मार्क्स जारी किया और ना ही कोटिवार रिजल्ट जारी किया है. विज्ञापन में क्षैतिज रूप से दिव्यांग कोटा के लिए सात सीट आरक्षित है जबकि रिज़ल्ट में मात्र तीन सीट दिख रहा है, बाकी चार सीट का पता नहीं चल रहा है, स्पोर्ट्स के लिए दो शीट तथा महिला कोटा के लिए आठ सीट आरक्षित था.परीक्षाफल से पता नहीं चल रहा है आयोग को स्पष्ट करना चाहिए कि आयोग द्वारा जारी परीक्षाफल में सर्टिफिकेट घोटाला का चर्चा खूब है. विशेष सूत्र से जानकारी के मुताबिक रैंक 72 जो गैर झारखंडी है फिर भी जेपीएससी रिजल्ट में बीसी टू से संबद्ध दिखा रहा है,जेपीएससी टॉपर रैंक वन जो बीसी वन तेली समाज से संबंधित है लेकिन जेपीएससी परीक्षाफल में बीसी टू से संबद्ध दर्शाया गया है, इसी प्रकार अन्य छात्रों छात्रों में गड़बड़ी का मामला साफ साफ दिख रहा है.जेपीएससी प्रक्रिया में शुरू से अंतिम तक भारी धांधली हुई है, नियमावली का तार तार करके खूब भाई भतीजावाद किया गया है. साथ उन्होंने यह बताया कि अन्य राज्य के आयोग इंटरव्यू लिए एक दो दिन के अंदर रिजल्ट जारी करता है जबकि जेपीएससी आयोग इंटरव्यू के बाद परीक्षाफल जारी करने में 15 दिन लगा दिया. आखिर किसके सेलेक्शन करने में इतना ज्यादा समय ले लिया,जबकि जेपीएससी आयोग पीटी परीक्षाफल के मात्र 21 दिन के अंदर आनन फानन में मुख्य परीक्षा ले लिया और मुख्य परीक्षा में बैठे लगभग 4500 छात्रों का कॉपी लगभग मात्र 14 दिन में ही बिना मॉडल अंसर शीट के ही जांच कर दिया गया, जेपीएससी मुख्य परीक्षा में एक छात्र छह पेपर का परीक्षा दिया था. 45000 छात्रों का कुल पेपर 27000 हुआ, एक पेपर में 36 पेज लिखना होता था, इस प्रकार आयोग के पास जांचने के लिए लगभग कुल 9,72,000 पेज को जिसे लगभग मात्र 20 दिन में ही जांच लिया गया.जानकारी के अनुसार 119 शिक्षक मात्र 20 दिन में लगभग 9,72,000 पेज का जांच किया है,मतलब लगभग एक से सवा मिनट में ही एक पेज जांचने में समय लगा है,साथ ही बिना मॉडल अंसर शीट का कैसे इतिहास के शिक्षक भूगोल, या भौतिकी के शिक्षक रसायन,जीवविज्ञान का कॉपी जांच किया होगा.अगर मॉडल अंसर शीट से कॉपी जांच हुआ है तो आयोग को मॉडल अंसर शीट आयोग को अपने बेवसाइट में जारी करना चाहिए.
इस तरह का धांधली जेपीएससी के अब तक का सबसे बड़ा धांधली है
जेपीएससी इस बार क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा को समान प्रतिनिधित्व से भी वंचित करने का काम किया है.यह तो गड़बड़ी का नमूना मात्र है, इसीलिए छात्रों के भविष्य और राज्य के सबसे बड़ी संवैधानिक नियुक्ति संस्था पर विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए सातवीं से दसवीं जेपीएससी गड़बड़ी के मामला का सीबीआई टीम से जांच कराया जाय, चूंकि सातवीं से दसवीं जेपीएससी शुरू से विवाद में रहा है, होम सेंटर के कारण भ्रष्टाचार, पीटी परीक्षा में क्वेश्चन लिक , एक कक्षा से क्रमवार पास, ओएमआर चोरी के अलावा अन्य गड़बड़ी का मामला को लेकर लगातार आन्दोलन के माध्यम से उजागार किया जा चुका है.
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