हाल-ए- झारखंड: मंत्री का बेटा भी बना चपरासी, कैसे पूरा होगा युवाओं का सपना!

मंत्री जी का बेटा ने तो निश्चित रुप से अपने समाज के दूसरे लोगों की तुलना में उच्च और बेहतरीन शिक्षा ग्रहण किया होगा, उनकी परवरिश भी दूसरे युवाओं के तुलना में आला दर्जे की हुई होगी, बावजूद इसके यदि मुकेश को चपरासी की नौकरी करने को मजबूर होना पड़ रहा है तो यह राज्य सरकार और खुद श्रम मंत्री सत्यानंद के भोक्ता के तमाम दावों पर सवालिया निशान है,

हाल-ए- झारखंड: मंत्री का बेटा भी बना चपरासी, कैसे पूरा होगा युवाओं का सपना!