Patna- राजद सुप्रीमो लालू यादव ने एक बार फिर से अपने सियासी चाल से कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है, अभी तक भले ही कांग्रेस और राजद के बीच सीटों की सहमति नहीं बनी हो, लेकिन राजद ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने चार सियासी पहलवानों का एलान बिहार की सियासी तपिश बढ़ा दी है, और इसके बाद इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े किये जाने लगे हैं. हालांकि लालू यादव के इस एलान के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सब कुछ ठीक ठाक होने का दावा कर रहे हैं, और इसके साथ ही जल्द ही सीटों की इस उलझन को दूर करने का दावा कर रहे हैं.
कहां से कौन होगा उम्मीदवार
ध्यान रहे कि 20 मार्च को राजद के राष्ट्रीय संसदीय दल की बैठक हुई थी, आज चार प्रत्याशियों की घोषणा सामने आ गयी, राजद ने गया से कुमार सर्वजीत, नवादा से श्रवण कुशवाहा औरंगाबाद से अभय कुशवाहा और जमुई से अर्चना रविदास को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सूची के साथ यह भी साफ हो गया कि इस बार लालू की कोशिश बिहार में बड़ा खेल करने की है, एक तरफ उसके निशाने पर नीतीश का कोर वोट बैंक कुशवाहा जाति में सेंधमारी है तो दूसरी ओर जातीय जनगणना के आंकड़ों की रोशनी में पिछड़ी जातियों की गोलबंदी तैयार करने की है. यहां बता दें कि जिस नावादा सीट से श्रवण कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया है, उस सीट से राजबल्लभ यादव के अपना दांवा ठोकते रहे हैं, लेकिन लालू ने यादव ने उनके किसी परिवार के नाम को तरजीह नहीं देते हुए, श्रवण कुशवाहा को उम्मीदवार बना कर साफ संकेत दे दिया कि राजद अब माय के समीकरण के बाहर निकल चुकी है, और वह तमाम पिछडी जातियों को प्रतिनिधित्व देने की राह पर आगे बढ़ रही है. इसके पहले विधान परिषद चुनाव में भी राजद का यही समीकरण देखने को मिला था. अब देखना होगा कि कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की घोषणा के वक्त राहुल के नारे के साथ आगे बढ़ती है या वह पुराने समीकरण की राह ही अपनाती है.
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