आसान नहीं है कोल्हान की धरती पर कमल का खिलना! जाते जाते रघुवर दास ने चला अपना दांव

जाते जाते रघुवर दास ने बाबूलाल की एक बड़ी हसरत पर पानी फेर दिया. वह हसरत थी कोल्हान की जमीन पर कमल खिलाने का, बाबूलाल इसकी पूरी तैयारी कर चुके थें. लेकिन रघुवर दास ने अपनी ताकत दिखलाई और मधु कोड़ा एंड फैमिली को उस खतरे से आगाह कर दिया जो उसे कमल की सवारी करने के बाद होनी थी.

आसान नहीं है कोल्हान की धरती पर कमल का खिलना! जाते जाते रघुवर दास ने चला अपना दांव