Patna-नीतीश की पांचवी पलटी के बाद भले ही हर दिन राजद कांग्रेस के विधायकों में टूट का कारवां जारी हो, कभी कांग्रेस तो कभी राजद विधायकों की अंतरात्मा हिचकोलें मार रही हो, अचानक से इस बात का भान हो रहा हो कि जिस सियासी हैसियत के वे हकदार थें, पार्टी में वह सम्मान नहीं दिया गया, वह कद नहीं मिला और वे अचानक से विपक्ष की कुर्सी के बजाय सत्ता पक्ष की कुर्सी पर नजर आ रहे हों. लेकिन आज जो जनसैलाब पटना की सड़कों पर उतरा है, उसके इतना तो साफ है कि भले ही राजद- कांग्रेस के विधायकों का मन सत्ता पक्ष में बैठने के लिए डोल रहा हो. लेकिन बिहार की जमीन से एक नये बदलाव की हवा भी बहती दिख रही है. इस जनसैलाब को देखकर सियासत का एक नौसिखुआ भी बता सकता है कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद के विधान सभा चुनाव में कौन से गुल खिलने वाले हैं. और शायद यही कारण है कि इस रैली को देखते हुए सरकार को भाजपा कार्यालय की सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है. भारी सुरक्षा बल को तैनात कर किसी भी अनहोनी पर रोक लगानी की कोशिश की गई है, लेकिन सवाल तो सियासी अनहोनी का है, जिसका आहट इस जनसैलाब से निकलती दिख रही है.
टूटने जा रहा है राजधानी पटना का का रिकार्ड
नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री से गन्ना मंत्री तक का सफर करने वाले डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि यह रैली बिहार के 17 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ने वाली है. यह तो कुछ नहीं है, दोपहर होते होते राजधानी पटना में मानव समुन्द्र तैरता नजर आयेगा. यहां याद रहे कि कल से पूरे पटना में कही लौंडा नाच हो रहा हो, कहीं होली का सूर. कार्यकर्ताओं के रहने खाने पीने का भी पूरा ख्याल रखा गया है. इस बीच खबर है कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के साथ ही महागठबंधन के तमाम नेता भी इस रैली में शिरकत करने के निकल चुके हैं. इस बीच लालू, तेजस्वी यादव रथ पर सवार होकर रैली स्थल की ओर निकल चुके हैं.
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