कालकोठरी की उंची दीवारों में कैद हेमंत “शोषण, संघर्ष और शहादत” का करेंगे पाठ, देखिये आज कौन सी तीन किताब के साथ मिलने जा रही कल्पना सोरेन

अब देखना होगा कि इन पुस्तकों के पाठ से हेमंत को झारखंडी समाज की अस्मिता और उसकी चुनौतियों को समझने में कितनी मदद मिलती है. उनकी जिंदगी में कितना बदलाव आता है. हौसला और कितना धारदार होता है, और वह जब इस कालकोठरी से बाहर आते हैं, वह संघर्ष की कौन की इबारत लिखते हैं.

कालकोठरी की उंची दीवारों में कैद हेमंत “शोषण, संघर्ष और शहादत” का करेंगे पाठ,  देखिये आज कौन सी तीन किताब के साथ मिलने जा रही कल्पना सोरेन