झारखंड की सियासत में "सूत्र" और “व्हाटसप चैट” के चटकारे! 27 फरवरी को बाहर आएंगे हेमंत या काल कोठरी से ही होगा 2024 का शंखनाद

झारखंड में परसेप्शन की लड़ाई चल रही है, एक परसेप्शन भाजपा का है, दूसरा झामुमो का, दोनों के अपने-अपने दावे हैं, और देखना दिलचस्प होगा कि इसमें किसका परसेप्शन जनता के बीच हावी होता है, इस हालत में एक सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि वाकई कोर्ट से हेमंत को झटका लगता है, तो यह असली मुसीबत किसकी होगी. क्या कालकोठरी में कैद हेमंत भाजपा के सियासी सपने पर तुषारापात करने की खतरनाक स्थिति में आ नहीं खड़े होंगे. जेल से उनका जो सिंहनाद होगा, क्या उसके बाद भाजपा को आदिवासी मूलवासी समूहों के बीच अपने को खड़ा करना मुश्किल नहीं होगा, क्या जेल में कैद हेमंत सड़क पर दौड़ते हेमंत की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं होगा?

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