Ranchi- लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजते ही भाजपा ने झामुमो को उसके सबसे सुरक्षित किला संताल में एक बड़ा झटका दिया है. पूर्व सीएम हेमंत की भाभी और स्व. दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन ने पार्टी के सभी पदों के साथ ही विधान सभा से भी इस्तीफे की घोषणा की है. यहां बता दें कि सीता सोरेन लम्बे अर्से से पार्टी से नाराज चल रही थी. दावा किया जाता है कि चंपाई मंत्रिमंडल विस्तार के वक्त भी सीता की चाहत मंत्रिमंडल में स्थान पाने की थी, लेकिन सीता सोरेन के बदले उनके देवर बसंत सोरेन को मंत्रिमंडल में स्थान मिला. जिसके बाद सीता लगातार खामोशी की चादर ओढ़े नजर आयी और अब अपने ससुर और झामुमो के केन्द्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को संबोधित अपने पत्र में सीता ने लिखा है कि “ मैं सीता सोरेन, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की केन्द्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्तमान विधायक हूँ, आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रहीं हूँ। मेरे स्वर्गीय पति, श्री दुर्गा सोरेन, जो कि झारखण्ड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहें है। पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ा दायक रही. मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रहीं मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाता. श्री शिबू सोरेन (गुरूजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहें, मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजीस रची जा रहीं है. मै अत्यन्त दुःखी हूँ। मैने यह दृढ़ निश्चय किया हूँ कि मुझे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा।अतः मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहीं हूँ और आप से निवेदन करती हूँ कि मेरे इस्तीफे को स्वीकार किया जाय”
गीता कोड़ के बाद सीता पर कयासों का बाजार था गर्म
ध्यान रहे कि जब पश्चिमी सिंहभूम से सांसद गीता कोड़ा ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा की सवारी की थी, उस वक्त भी सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज थी, कि बाबूलाल बहुत जल्द झामुमो भी ऑपेरशन करने की तैयारी में है, उनकी नजर हेमंत की भाभी और जामा विधायक सीता सोरेन पर बनी है, और जैसे ही यह डील अंतिम रुप लेता है. सीता सोरेन भी कोल्हान की गीता की राह चलती नजर आयेगी, हालांकि उस वक्त सीता सोरेन के द्वारा इसे महज सियासी अफवाह बताया गया था, लेकिन सियासी गलियारों में इसकी दावेदारी चलती रही, इस बीच सीता सोरेन के खिलाफ लोकपाल का मामला सामने आया. दावा किया जाता है कि सीता सोरेन के पास आय से अधिक संपत्ति है, इसके साथ ही सीता के खिलाफ राज्यसभा चुनाव के मामले में हाउस ट्रेडिंग का मामला भी था, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हाउस ट्रेडिंग का आरोप लगाते हुए कोर्ट में सीता सोरेन के खिलाफ मामला दायर किया था. हालांकि हाईकोर्ट से इस मामले में सीता सोरेन बचती नजर आ रही थी, लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में दूसरे जनप्रतिनिधियों के साथ ही सीता सोरेन के खिलाफ भी जांच का रास्ता साफ कर दिया. औरअब सीता सोरेन अपना इस्तीफा पेश कर रही हैं. अब देखना होगा कि सीता सोरेन के द्वारा कमल की सवारी के बाद, जिसकी संभवना जताई जा रही है. हाउस ट्रेडिंग से लेकर आय से अधिक के आरोपों पर भाजपा की क्या प्रतिक्रिया आती है? क्या इस पलटी के बाद भी निशिकांत सीता के खिलाफ जांच की मांग करते हैं? या फिर कमल की सवारी करते ही सीता के खिलाफ सारे मामले दफन हो जाते हैं?
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