Ranchi-जेपीएससी परीक्षा लीक मामले में अब सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा झारखंड कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाया है. तिर्की का दावा है कि कई ऐसे अधिकारी भी इस सरकार की प्रशासनिक मशीनरी का का हिस्सा बन चुके हैं, जिनकी मंशा सवालों के घेरे में है. उनकी कोशिश स्थाई नियुक्ति के बजाय अनुबंध के रास्ते अपने लोगों का स्थायी करने की है और इसी साजिश के तहत कभी जेएसएससी का पेपर लीक किया जाता है तो कभी जेपीएससी पेपर लीक की समस्या सामने आती है. और हर हालत में झारखंड के युवाओं के साथ एक खतरनाक खेल है. चंपाई सरकार को इस मामले में जल्द ही कठोर फैसला लेते हुए इस आपराधिक कृत्य का पर्दाभाश करना चाहिए, इसके साथ ही बंधु तिर्की ने हेमंत सरकार में विधान सभा से पारित “झारखंड परीक्षा पेपर लीक कानून” को तत्काल लागू करने की मांग करते हुए कहा कि पेपर लीक के कारण झारखंड के लाखों छात्रों का भविष्य आज दांव पर लगा है, झारखंड की छवि भी खराब हो रही है, सरकार को हर हाल में ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को परीक्षा की सम्पूर्ण प्रक्रिया से दूर रखनी चाहिए.
झारखंड में भी फैल रही है बिहार-यूपी की बीमारी
बंधु तिर्की ने दावा किया कि इस तरह की घटनाएं पहले बिहार, यूपी और मध्यप्रदेश और राजस्थान में सुनी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह बीमारी झारखंड में भी जड़ जमाती दिख रही है, इस खेल में जो भी चेहरे हैं, उन सभी का संबंध कहीं ना कहीं बिहार यूपी और मध्यप्रदेश से हैं. इस हालत में यह बेहद जरुरी है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द हेमंत सरकार के द्वारा पारित “झारखंड परीक्षा पेपर लीक कानून” को कानूनी शक्ल प्रदान करे. ताकि हमारे युवाओं के सपनों का साथ कोई खेल नहीं हो सके.
“झामुमो का संकल्प- बदहाल युवा और फटेहाल झारखंड”
ध्यान रहे कि इस मामले में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने भी सरकरा पर तंज कसा है.नामकुम स्थित कवाली स्टेडियम में ग्राम प्रभारियों के सम्मलेन को संबोधित करते हुए सुदेश महतो ने तंज भरे लहजे में कहा कि “झामुमो का संकल्प, बदहाल युवा और फटेहाल झारखंड”. झारखंड का विकास और झारखंडियों के सुनहरा भविष्य के लिए झामुमो के पास ना कोई योजना है, और ना ही संकल्प. शासन और प्रशासन दोनों ही इस लूट के साझेदार बन चुके हैं, फिर कौन किसकी लूट पर रोक लगायेगा? और किसकी निगाहबानी में छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा? जेपीएससी परीक्षा तो इसकी महज एक बानगी है, पूरा प्रशासन इसी रास्ते है. सुदेश महतो ने दावा किया कि आज झारखंड आशाभरी नजरों से आजसू की ओर देख रही है. आजसू कार्यकर्ताओं की यह जिम्मेवारी है कि वह अपने को जनता की इस आकांक्षा पर खरा उतारें, यह चुनावी साल है, इसलिए चुनौतियां और भी गंभीर है, संगठन में उपर से लेकर चुल्हा प्रमुख तक सभी की अपनी जिम्मेदारी है. हर कार्यकर्ता को अपना खून पसीना बहाना होगा, तब ही झारखंड को हम इस कुव्यवस्था से बाहर निकाल पाने की स्थिति में होंगे.
इसके पहले बाबूलाल ने साधा था निशाना
ध्यान रहे कि इसके पहले जेपीएससी पेपर पत्र लीक को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने भी चंपाई सरकार पर निशाना साधा था, अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बाबूलाल ने लिखा था ”जामताड़ा में JPSC परीक्षा केंद्र के बाहर खुलेआम उत्तर पुस्तिका भरवाई जा रही है. चतरा में भी प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आ रही है.चंपई सरकार द्वारा अधूरी तैयारी के साथ हड़बड़ी में JPSC परीक्षा कराने के निर्णय और सीट बेचने के कुत्सित प्रयास ने छात्रों के सपनों को चकनाचूर कर दिया” झारखंड में परीक्षा होना और हर बार उसका पेपर लीक होना शर्म की बात है झामुमो कांग्रेस सरकार ने छवि ऐसी बना दी है कि 'परीक्षा होगा, तो पेपर लीक होगा'
834 केंद्रों पर हुआ था परीक्षा का आयोजन
ध्यान रहे कि 17 मार्च को झारखंड के कुल 834 परीक्षा केन्द्रों पर जेपीएससी परीक्षा का आयोजन हुआ था. इसमें से कई परीक्षा केन्द्रों से हंगामें की खबर आयी थी. अभ्यर्थियों का आरोप था कि प्रश्न पत्र पहले ही लीक हो चुका था. उपेंद्रनाथ वर्मा इंटर कॉलेज, चतरा के साथ ही, जामताड़ा से भी कुछ इसी प्रकार का दावा सामने आया था, एक वीडियो पर भी वायरल किया गया था. हालांकि उस वीडियो की सच्चाई क्या है, वह खुद एक अनुसंधान का विषय है. कुछ इसी प्रकार की खबर उर्सलाइन कॉन्वेंट गर्ल इंटर कॉलेज, रांची से भी सामने आयी थी. यहां भी छात्रों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया था. अब इन्ही दावों और आरोपों के मद्देनजर सियासत की शुरुआत जरुर हो चुकी है. इसके पहले भी सीजीएल परीक्षा पेपर को लेकर हंगामा मचा था. और बाद में उस परीक्षा को रद्द भी करना पड़ा था, अब जेपीएससी परीक्षा पर भी यह संकट मंडराता दिखने लगा है.
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