धनबाद में अग्निकांड के बाद हो रही सवालों के बौछार, अधिकारियों पर दवाब मुक्त जांच की भी उठ रही मांग


धनबाद(DHANBAD) : हाजरा अस्पताल और आशीर्वाद टावर अग्निकांड के बाद कोयलांचल के लोगों में तरह-तरह के सवाल उमड़-घुमड़ रहे है. लोग कह रहे हैं कि अधिकारी तो पंछी की तरह होते हैं, आज यहां है, कल चले जाएंगे. एक दिन ऐसा आएगा कि वह अवकाश ग्रहण भी कर लेंगे. लेकिन उनके कार्यों की याद हमेशा लोगों के दिलों-दिमाग पर रह जाएगी. कहने वाले कह रहे हैं कि अधिकारी जब अवकाश ग्रहण कर लेंगे, तब उन्हें आम जनों की पीड़ा अधिक समझ में आएगी. समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र सिंह ने उपायुक्त को पत्र प्रेषित कर कहा है कि जब जागे तभी सवेरा अथवा जब घटना घटे तभी से जागरूकता शुरू कर दी जाए तो भी बहुत भला हो सकता है.
70 प्रतिशत भवनों में मानक का ख्याल नहीं रखने का आरोप
उन्होंने सवाल किया है कि क्या निजी विद्यालय जो बन रहें हैं या बनाऐ गए है. उन्हें अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाण प्राप्त है. सभी मानकों पर भवन खरा है. नक्शे देने वाले विभाग और इंजीनियरो तो कही लापरवाही नहीं किये है. युद्ध स्तर पर एक माह में क्या जांच नहीं होने चाहिए. आज जो बिल्डर जगे है, क्या उनको पहले बोध नहीं था कि उन्होंने अपार्टमेंट में क्या कमी छोड़ी है. बिल्डर जगत के लोग सभी ऊंची पहुंच और केंद्रीय पार्टी या राज्य स्तरीय पार्टी से जुड़े हैं, इसलिए तो नहीं मनमानी करते है. एक अनुमान के अनुसार 70 प्रतिशत भवनों में मानक का ख्याल नहीं रखा गया है. इसकी भी तत्काल जाँच होनी चाहिए. क्या यह भी सही नहीं है कि गलत करनेवालों की पहुंच इतनी बड़ी होती कि अधिकारी चुप रह जाना ही बेहतर समझते है. फिलवक्त जो हालत बने है. इसमें कोई राजनीतिक दल जनता के हित में पैरवी करने से परहेज करेंगे इसलिए डिटेल्स जांच का यही सही समय भी है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद
4+