Ranchi-कल्पना सोरेन सीएम हेमंत की पत्नी है, इस बात की जानकारी तो हर झारखंडी को है, लेकिन उनका अतीत क्या रहा है, उनका बचपन कहां गुजरा, उनकी शिक्षा दीक्षा कहां हुई, उनके शौक और पेशा क्या है, क्या राजनीति में उनकी रुचि है, क्या वह झारखंड की सियासत के नब्ज को समझती है, यह सारे सवाल आज इस दावे के साथ ही तैरने लगे कि अब झारखंड की बागडोर सीएम हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन के हाथों में आने वाली है. और सबसे बड़ी उत्सुकता को इस बात को लेकर है कि क्या इस जुगल जोड़ी का यह लव मैरेज था या अरेंज मैरेज.
गुगल में कल्पना सोरेन के बारे में सर्च तेज
हालांकि यहां यह भी साफ कर दें कि राज्य के अगले मुखिया के रुप में कल्पना सोरेन की ताजपोशी को लेकर झामुमो की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, राज्य की कमान बदलने के ये सारे दावे भाजपा की ओर से किये जा रहे हैं, बावजूद इसके अचानक से गुगल में कल्पना सोरेन के बारे में सर्च तेज हो चुकी है. लोग उनकी जिंदगी से जुड़े पहलुओं को जानने की कोशिश करने लगे हैं. यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि जिन हाथोंं में झारखंड की कमान जाने वाली है, वह कल्पना सोरेन कौन हैं? जिस पर दांव लगाकर झामुमो 2024 के महासंग्राम के पहले सियासी अखाड़े में उतरने का मन बना रही है.
रांची में जन्म, रांची में पढ़ाई और ओडिशा ठिकाना
तो यहां बता दें कि कल्पना सोरेन का जन्म वर्ष 1976 में रांची में ही हुआ है, और रांची से ही उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की हैं. हालांकि वह मूल रुप से ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली है. सात फरवरी 2006 को उनका हेमंत सोरेन के साथ अरेंज मैरेज हुआ था, कल्पना सोरेन भले ही राज्य के बड़े सियासी परिवार से जुड़ी हो, लेकिन उनकी रुचि और कार्यक्षेत्र अलग है. वह एक कामयाब बिजनेश वुमन होने के साथ ही एक प्ले स्कूल का संचालन भी करती हैं. इस प्रकार देखा जाय तो वह एक सेल्फ मेड वुमन हैं, और दैनिक जिंदगी के खर्चों के लिए अपने पति पर निर्भर नहीं है, बात रही उनकी पारिवारिक जिंदगी की तो उनके दो बच्चे हैं.
राजनीतिक गतिविधियों पर बनी रहती है कल्पना सोरेन की नजर
हालांकि कल्पना सोरेन राजनीति के इस उठापटक से अपने को दूर रखती हैं, लेकिन राज्य की हर बड़ी छोटी सियासी खबर पर उनकी नजर बनी रहती है, इसके साथ ही सियासी गतिविधियों में हर कदम के साथ सीएम हेमंत के साथ खड़ी नजर आती है, हर सियासी झंझावात में कल्पना सोरेन अब तक एक दीवार बन कर खड़ी नजर आयी है, और यह पहली बार नहीं है कि कल्पना सोरेन की ताजपोशी की खबर सामने आयी हो, इसके पहले भी जब खनन मामले में सीएम हेमंत की सदस्यता पर खतरा पैदा हुआ था, तब भी कल्पना सोरेन का नाम सीएम के लिए उछला था, हालांकि उस बार सीएम हेमंत की सदस्यता पर कोई खतरा पैदा नहीं हुआ, और कल्पना सोरेन की ताजपोशी की नौबत नहीं आयी, लेकिन अब जबकि सीएम हेमंत को ईडी का सातवां समन मिल चुका है, और इस समन को ईडी की ओर से आखिर समन होने का दावा किया गया है, इसके साथ ही एक बार फिर से उनकी ताजपोशी की खबर तेज हो चुकी है, दावा किया जाता है कि झामुमो एक महिला को चेहरे को आगे कर 2024 के महासंग्राम के पहले आदिवासी मूलवासी मतों के साथ ही राज्य की आधी आबादी का ध्रुवीकरण की कोशिश में जुटा है. और यदि ऐसा होता है तो निश्चित रुप से झामुमो के पक्ष में गोलबंदी तेज हो सकती है.
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