गुजरा वर्ष 2023,जब धीरज साहू के खजाने से चौंधिया गयी थी आंखें! जानिये, बिहार से लोहरदगा आते ही कैसे चमका इस परिवार का सितारा

वक्त के साथ उनकी उम्र बढ़ती गयी और इधर उनका पुत्र बलदेव साहू व्यवसाय को संभालने लगें, बलदेव साहू ने इस व्यसाय को और भी विस्तार देने का फैसला किया, उनकी नजर आदिवासी समाज में दारू और हड़िया के व्यसन पर पड़ी, पारखी आंखों को समझते देर नहीं लगी कि यदि दारु हड़िया का व्यवसाय खड़ा किया जाय तो बेहद कम समय में रुपये की बरसात की जा सकती है. और फिर वही हुआ, चावल-धान की बिक्री खरीद से आगे निकल कच्ची शराब की भट्ठी खोली, और इसके साथ ही इस परिवार पर रुपये की बारिश होने लगी

गुजरा वर्ष 2023,जब धीरज साहू के खजाने से चौंधिया गयी थी आंखें! जानिये, बिहार से लोहरदगा आते ही कैसे चमका इस परिवार का सितारा