TNP DESK-छत्तीसगढ़ की करीबन तीस फीसदी आदिवासी मतदाताओं को भाजपा के पाले में लाने के लिए पूर्व सीएम और झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने छत्तीसगढ़ में अपना तूफानी दौरे की शुरुआत कर दी है. अपने हमले की शुरुआत करते हुए बाबूलाल ने भूपेश बघेल की सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार करार दिया है, खास कर जिस प्रकार से भूपेश बघेल का नाम ऑनलाइन सट्टा का एप्प महादेव मामले उछला है, बाबूलाल उसे मुख्य मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. भूपेश बघेल के खिलाफ आरोपों की बौछार करते हुए बाबूलाल ने कहा है कि कांग्रेस सिर्फ कमाने के लिए ही सरकार बनाती है, जबकि इसके विपरीत भाजपा का ध्येय दलित आदिवासी समाज की जिंदगी में बदलाव लाने का होता है. और इसका प्रत्यक्ष उदारहण पूर्ववर्ती रमन सिंह की सरकार है. यह रमन सिंह का काम ही था कि पूरे छत्तीसगढ़ में उनकी पहचान चावल वाले बाबा के रुप में थी, ताकि कोई भी आदिवासी दलित भूखा नहीं सो सके. इसके विपरीत भूपेश बघेल ऑनलाइन सट्टा का संचलन करने वालों से चुनाव लड़ने का पैसा ले रहे हैं. सोनिया गांधी ,राहुल गांधी की तिजोरी भरने के लिए दिन रात भ्रष्टाचार कर रहे हैं.महादेव ऐप घोटाले में यह साफ हो गया कि घोटाले के तार दुबई से भी जुड़े हैं.
आदिवासियों के लिए सुरक्षित 29 सीटों में से सिर्फ तीन पर भाजपा
ध्यान रहे कि झारखंड की 26 फीसदी आबादी की तुलना में छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय की आबादी करीबन 30 फीसदी है. जबकि उसके लिए 29 सीटें आरक्षित हैं. बाबूलाल की नजर इन 29 सीटों पर लगी हुई है. 2013 में आदिवासी समुदाय के सुरक्षित 29 सीटों में से 11 सीट पर परचम फहराने वाली भाजपा 2018 में महज तीन सीटों पर सिमट गयी थी. जबकि दलित समुदाय की 10 सीटों में से उसके हिस्से में महज दो सीट आयी थी. और इसके साथ ही कांग्रेस ने रमन सिंह की सरकार सत्ता से बाहर का रास्ता दिखला दिया था. भाजपा की कोशिश कांग्रेस के पंजे से उन सीटों को बाहर निकालने की है. और दावा किया जाता है कि इसी रणनीति के साथ बाबूलाल को मोर्चे पर लगाया गया है.
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