Ranchi- सियासी गलियारों का चर्चित चेहरा और होटवार जेल में बंद प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को झारखंड से बाहर दूसरे जेल में भेजे जाने की तैयारी शुरु हो चुकी है. ईडी अधिकारियों ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर अमित अग्रवाल और प्रेम प्रकाश को दूसरे झारखंड से बाहर दूसरे जेल में शिफ्ट करने का आग्रह कर दिया है. इसके साथ ही पीएमएलए कोर्ट में इन साक्ष्यों को पेश करने की तैयारी भी की जा रही है. ताकि पीएमएलए कोर्ट से इन्हे बाहर भेजने की अनुमति प्राप्त किया जा सके.
जेल अधिकारियों को भी आज जारी हो सकता है समन
इसके साथ ही आज ईडी जेल अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर मोहम्मद नसीम को भी समन भेजने की तैयारी कर रही है, ईडी का दावा है कि जेल में प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल के साथ ही खनन घोटाला, टेंडर कमीशन घोटाला और जमीन घोटाले के आरोपियों को नियमों को ताक पर रखकर जेल में विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है. दावा किया जाता है कि ईडी को जेल में कुछ ऐसे फुटेज हाथ लगे हैं, जो इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि जेल में इन आरोपियों को विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है, अब इसी फुटेज को सामने रख कर ईडी के अधिकारी जेल अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर मोहम्मद नसीम से पूछताछ की योजना बना रहे हैं.
रघुवर शासन काल में चलता था प्रेम प्रकाश का जलबा
यहां बता दें कि प्रेम प्रकाश की गिनती कभी सत्ता के गलियारे में दलाल के रुप में की जाती थी, पूर्व सीएम रघुवर दास की सरकार में तो इसका कुछ अलग ही रुतबा था, दावा किया जाता था कि तब अधिकारियों के सारे तबादले इसी प्रेम प्रकाश के माध्यम से होता था, और इसके बदले में पैसे की उगाही होती थी, जब सरकार बदली और रघुवर दास रुखस्त हो गयें, उसके बाद प्रेम प्रकाश हेमंत सरकार का करीबी हो गया. इस बीच उसका नाम खनन घोटला से लेकर जमीन घोटाले में उछलता रहा. इन्ही आरोपों की जांच के क्रम में हरमू स्थित उसके आवास से दो AK-47 भी बरामद किया गया था. आखिरकार उसे अवैध खनन के मामले में 25 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा भेज दिया गया और इस वर्ष 11 अगस्त उस पर जमीन घोटाले का आरोप भी लगा और इस मामले में उसकी गिरफ्तारी हो गयी.
जेल में भी कायम है प्रेम प्रकाश का जलबा
लेकिन अब ईडी का दावा है कि प्रेम प्रकाश जेल में रहकर भी अपना साम्राज्य कायम किये हुए हैं, जेल में जाने के बाद भी उसके रसूख और तेवर में कोई बदलाव नहीं हुआ है. आज भी जेल में उसकी दरबार सजती है, और वह उसी जेल में अधिकारियों को आदेश जारी करता है, और अधिकारी भी छुपते छूपाते उससे मिलने के लिए जेल आते हैं.
जेल में बंद रहकर भी जांच अधिकारियों के खिलाफ साजिश रच रहा था प्रेम प्रकाश
लेकिन सबसे अधिक चौंकने वाला दावा यह है कि प्रेम प्रकाश जेल में बंद रहकर भी ईडी अधिकारियों को सलटाने की तैयारी में था, वह एक साथ कई फ्रंट पर काम कर रहा था. एक तरफ वह नक्सलियों और आपारधिक गिरोहों से साथगांठ कर ईडी अधिकारियों को रास्ते से हटाने का प्लानिंग तैयार कर रहा था, तो दूसरी ओर वह कुछ ऐसी महिलाओं की खोज में था, जो सीधे सीधे इन जांच अधिकारियों पर बलात्कार और यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा सके. दावा किया जाता है कि उसकी प्लानिंग जांच अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करवाना था, ताकि इन जांच अधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार कर उसी जेल में लाया जा सके, जहां आज खुद प्रेम प्रकाश पड़ा है.
बताया जा रहा है कि समय रहते ईडी अधिकारियों को अपने खिलाफ तैयार हो रहे इस खतरनाक साजिश की बू लग गयी और जैसे ही ईडी को इस खतरनाक प्लानिंग की जानकारी मिली, उनके सांप सूंघ गयें, क्योंकि ईडी ने तो इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि प्रेम प्रकाश इस हद तक खतरनाक प्लानिंग करता है.
हालांकि अभी तक यह सिर्फ आरोप हैं, जो ईडी की ओर से लगाया गया है, सरकार का दावा इसके ठीक उलट है, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने ईडी के इन तमाम आरोपों को एक खतरनाक सियासी षडयंत्र का हिस्सा बताया है, उनका दावा है कि यदि ईडी के पास कोई ऐसा साक्ष्य हैं, तो उसे वह सार्वजनिक करें, जेल में छापेमारी के दौरान अधिकारियों के हाथ कौन सा जादुई हथियार निकल आया, जिसके आधार इस तरह के दावे किये जा रहे हैं, उसकी जानकारी तो होनी चाहिए. लेकिन दिक्कत है कि यह तमाम दावे ईडी की ओर से नहीं होकर भाजपा के द्वारा किया जा रहा है, जिस प्रकार के बयान भाजपा के द्वारा दिये जा रहे हैं, उससे तो लगता है कि भाजपा ही ईडी की प्रवक्ता बन गयी है, और ईडी अपनी एक एक जानकारियां सबसे पहले भाजपा कार्यालय तक पहुंचा रही है.
हालांकि इस बीच खबर यह है कि ईडी अपने सभी साक्ष्य को पीएमएलए कोर्ट में पेश करने की तैयारी में है, इसके साथ की इन साक्ष्यों को केन्द्रीय गृह विभाग भेजने की तैयारी की जा रही है, ताकि प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल को झारखंड से बाहर दूसरे जेल में शिफ्ट किया जा सके.
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