Ranchi-पीएम मोदी के दौरे के साथ ही झारखंड की सियासी सरगर्मी तेज होती नजर आने लगी है. एक तरफ भाजपा पीएम मोदी के इस दौरे को झारखंड में लोकसभा की सभी 14 सीटों पर अपनी जीत की गारंटी मान रही है, वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से इस बात की हुंकार भरी जा रही है कि जिन नारों के सहारे पीएम मोदी का जलबा चलता है, दस वर्षों में उसकी कलई सामने आ चुकी है. अब चाहे जितना भी जोर लगा लिया जाय, लेकिन इस बार झारखंड की जमीन पर कमल का फूल नहीं खिलने वाला है. और इसी आरोप-प्रत्यारोप की बीच पूर्व सीएम हेमंत की पत्नी और उनकी गैरमौजूदगी में झामुमो का चेहरा बन कर सामने आने वाली कल्पना सोरेन ने अपने सोशल मीडिया साइड पर राष्ट्रकवि दिनकर की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए लिखा है कि “विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं”
इशारों ही इशारों में पीएम मोदी पर हमला
साफ है कि कल्पना सोरेन के निशाने पर पीएम मोदी और भाजपा की नीतियां है, “शूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते” कुछ इसी ओर इशारा कर रहा है. हालांकि इस सोशल पोस्ट में कहीं भी पीएम मोदी और भाजपा का जिक्र नहीं है, लेकिन इशारा बिल्कूल साफ और निशाने पर पीएम मोदी है. इस बात का जोर है कि जिन साजिशों के मकड़जाल में आदिवासी-मूलवासी सियासत के इस चेहरे को कालकोठरी में कैद किया गया है. उससे ना तो झामुमो कार्यकर्ताओं का हौसला टूटने वाला है और ना ही कमल का फूल खिलने वाला है. वह लोकसभा का चुनाव हो या आने वाले विधान सभा की चुनौतियां, झामुमो पूरी ताकत के साथ अपना दम-खम दिखलायेगा, भाजपा को इस कुचक्र की कीमत चुकानी पड़ेगी. यह तो अभी भी शुरुआत है, कल राजधानी रांची में पीएम मोदी के तरकश से वाणों की बौछार होना बाकी है. देखना होगा कि उसके बाद झारखंड की सियासी पारा किस कदर चढ़ता है. झामुमो और इंडिया गठबंधन की ओर से क्या पलटवार आता है.
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