Patna- केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस आरोप पर कि जातीय जनगणना में सीएम नीतीश कुमार के द्वारा जानबूझ कर यादव और मुस्लिमों की आबादी को बढ़ा चढ़ा कर दिखलाया गया है ताकि इस जाति के मतदाताओं का मत एकमुश्त प्राप्त किया जा सकें, तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा है कि लगता है कि अमित शाह कुछ ज्यादा ही बेचैनी में है, बार बार बिहार का दौरा कर रहे हैं, और हर बार अनाप-शनाप आरोप लगा कर चलते बनते हैं, कोई उनसे पूछे कि यदि सीएम नीतीश कुमार को आबादी ही बढ़ानी होती तो वह सबसे पहले कुर्मी जाति का बढ़ाते या यादव जाति, कौन उनके सबसे ज्यादा वोट कर सकता है.
जातीय जनगणना के बाद बौखला गई है भाजपा
तेजस्वी यादव ने तंज भरे लहजे में कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़ों के प्रकाशन के बाद पूरी भाजपा बौखला गयी है, इस बौखलाहट में वह कुछ भी अनाप-शनाप बोले चले जा रहे हैं. हालांकि जिस रफ्तार में अमित शाह बिहार का दौरा कर रहे हैं, हमें उसका लाभ मिल रहा है, हम तो कोशिश करेंगे की वह इसी प्रकार बार बार बिहार आते रहें, ताकि बिहार में भाजपा की बची खुची जमीन भी खत्म हो जाये.
नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अब भाजपा का बिहार में बस एक ही काम बाकी रह गया है, इसके नेता सुबह उठते हैं, और शाम तक इस्तीफा इस्तीफा खेलते रहते हैं, लेकिन जैसे ही इन्हे दो करोड़ नौकरियों के वादे का याद दिलाया जाता है, 15-15 लाख रुपये खाते में डालने के वादे की याद दिलायी जाती है, ये रोने लगते हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि आज पूरे देश में बिहार की तर्ज पर जातीय जनगणना करवाने की मांग की जा रही है. 1931 में यादव जाति की आबादी 11 फीसदी थी, तब ओडिशा और झारखंड भी बिहार का हिस्सा था, इस जातीय जनगणना से इसकी ही पुष्टि होती है.
आप इसे भी पढ़ सकते हैं-