Ranchi- झारखंड में राज्य सभा चुनाव का परिणाम घोषित करते ही अब उस पर सियासत भी तेज हो गयी है, चुनाव परिणाम जारी होते ही झामुमो ने प्रदीप वर्मा की अकूत संपत्ति और झारखंड की नागरिकता पर सवाल खड़ा कर दिया है. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रदीप वर्मा के बहाने भाजपा की सियासत पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह वह भाजपा है, जिसे राज्य सभा भेजने के लिए एक भी झारखंडी चेहरा नहीं मिला, उसे आजम गढ़ वाले वर्मा जी झारखंड से राज्यसभा भेजना पड़ रहा है. सुप्रियो ने इसके साथ ही प्रदीप वर्मा की संपत्ति पर सवाल खड़ा करते इस बात का दावा किया कि प्रदीप वर्मा कभी खाली हाथ झारखंड आया था, लेकिन रघुवर दास की सरकार में उसके पंख लग गयें, रघुवर की सरकार नहीं आयी कि मानों प्रदीप वर्मा को कुबेर का खजाना हाथ लग गया. आज प्रदीप वर्मा के पास रांची में फार्म हाउस, अरगोड़ा में जमीन, धनबाद में जमीन, खेलगांव में फ्लैट, पंडरा में फ्लैट, सरला बिरला के अंदर दवाई दुकान की दुकान है, इसके साथ समाज सेवा के नाम पर कई एनजीओ का संचालन किया जा रहा है. आजमगढ़ में आलीशान मकान तो बना ही है.
प्रदीप वर्मा के खजाने पर चुप्प क्यों हैं बाबूलाल?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल पर तंज करते हुए सुप्रियो ने कहा कि बाबूलाल दूसरे की संपत्ति का पूरा हिसाब किताब का लेखा सामने आकर आते हैं, लेकिन आजमगढ़ वाले प्रदीप वर्मा पर चुप्पी साध लेते हैं, बाबूलाल को इस बात का जवाब भी देना चाहिए कि आखिर रघुवर राज्य में कौन सा चिराग प्रदीप वर्मा के हाथ लगा कि अचानक से करोड़ों करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर दिया गया. सवाल तो यह भी है कि प्रदीप वर्मा ने इन संपत्तियों का खुलासा अपने चुनावी घोषणा पत्र में क्यों नहीं किया. अपनी पूरी संपत्ति विवरण पेश क्यों नहीं किया? सुप्रियो ने दावा किया कि झामुमो इसकी शिकायत चुनाव आयोग से दर्ज करवायेगा.
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