Ranchi-अब तक की स्थापित परंपरा को तोड़ते हुए एन चुनाव के पहले, पहली बार पांच-पांच शख्सियतों को भारत रत्न प्रदान करने के बाद सूबे झारखंड में दिशोम गुरु को भारत रत्न देने की मांग तेज हो गयी है और इसके साथ ही मोदी सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया जाने लगा है. झामुमो महासचिव सुप्रियो ने दिशोम गुरु को भारत रत्न की मांग करते हुए, यह तंज भी कसा है कि यदि हमने भी भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया होता तो आज न सिर्फ हेमंत सोरेन जेल से बाहर होते, बल्कि दिशोम गुरुजी को भारत रत्न भी मिला होता. सुप्रियो ने कहा कि मोदी सरकार इस सम्मान के पीछे भी सियासत कर रही है. लेकिन हम झूकने वाले नहीं है, और आगे भी इस संघर्ष को जारी रखेंगे.
हर साल अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न देने की रही है परंपरा
यहां ध्यान रहे कि अब तक हर वर्ष अधिकतम तीन लोगों को भारत रत्न दिया जाता था, लेकिन पहली बार एक ही वर्ष में पांच पांच लोगों को भारत रत्न प्रदान कर इस स्थापित परंपरा को तोड़ दिया गया है, सबसे पहले कर्पूरी ठाकुर के लिए भारत रत्न की घोषणा हुई, उसके बाद भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान किया गया, और आज पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी गयी. जिसके बाद ही झारखंड में शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग तेज हो गयी और यह दावा किया जाने लगा कि इस सम्मान को प्रदान करने के पीछे अब सियासी लाभ हानी का खेल खेला जा रहा है, और सियासी फायदे के मद्देजनर इस सम्मान को बांटा जा रहा है.
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