Ranchi-मंत्रिमंडल विस्तार के साथ झारखंड में सियासी तूफान की आहत दिखने लगी है, मंत्री पद को लेकर कांग्रेसी विधायकों के बीच धमासान जारी है, नाराज विधायक अपनी गुप्त बैठक कर रहे हैं, हालांकि नाराजगी की मुख्य वजह क्या है, इसको लेकर कोई भी साफ साफ बोलने को तैयार नहीं है, मीडिया के सामने तो आरोप यह लगाया जा रहा है कि कांग्रेस कोटे से बनाये गये मंत्रियों के द्वारा उनकी सुनी नहीं जाती है, जिसके कारण उनके इलाके की समस्यायों का समाधान नहीं हो पाता, और उन्हे अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अंदरखाने खबर यह है कि इन सबकी नजर मंत्री की कुर्सी पर लगी हुई है, और यह सारा सियासी ड्रामा मंत्री पद को लेकर भी है. नाराज विधायकों में अकेला यादव, अम्बा प्रसाद, इरफान अंसारी, राजेश कश्यप, दीपिका पांडेय सिंह, भूषण तिर्की, नवन विक्सल कोंगाड़ी, अनुप सिंह सहित 11 विधायक हैं. इसमें कई नाम तो बेहद चौंकाने वाले हैं. अपनी गिरफ्तारी के बाद जब पूर्व सीएम हेमंत विधान सभा में पहुंचे थे, तो अनुप सिंह अपने आंसू को रोक नहीं पा रहे थें, जबकि इरफान अपने को हेमंत का हनुमान बताते हैं, जब मुख्यमंत्री आवास में ईडी हेमंत से पूछताछ करने पहुंची थी, तो इरफान सीएम हेमंत से लिपट कर फूट फूट कर रोये थें. लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि कितने विधायकों को मंत्री पद की कुर्सी दी जा सकती है.
झारखंड से दूर बेंगलुरु जा सकते हैं नाराज विधायक
दूसरी खबर यह भी है कि अपनी मांग नहीं माने जाने की स्थिति में इन विधायकों ने झारखंड से दूर बेंगलूरू जाने का फैसला लिया है, उनका दावा है कि वह तब तक बेंगलुरु से वापस नहीं आयेंगे, जब तक उनकी मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता, और यदि वास्तव में ये सारे विधायक बेंगलुरु चले गयें, तो चंपाई सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है, क्योंकि आगे विधान सभा सत्र की शुरुआत होने वाली है, जिसमें मनी बिल भी प्लोर पर रखा जायेगा, यदि इस सूरत में ये विधायक सदन से दूर रहें तो मनी बिल फ्लोर पर गिर सकता है, और इसके साथ ही चंपाई सरकार भी अपना बहुमत खो देगी.
नाराज विधायकों की बैठक के बीच सीएम चंपाई दिल्ली रवाना
इस बीच बड़ी खबर यह है कि कांग्रेस के बीच मचे इस घमासान के बीच सीएम चंपाई दिल्ली रवाना हो चुके हैं. माना जाता है कि चंपाई कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मुलाकात कर अपनी मुश्किलों की जानकारी दे सकते हैं. ताकि कांग्रेस अपने किसी खास रणनीतिकार को झारखंड भेज कर इन विधायकों की नाराजगी को दूर करे. खबर यह भी है कि नाराज विधायक भी दिल्ली निकल सकते हैं, ताकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने अपनी मांग और शिकायत को रख सकें. अब देखना होगा कि सीएम चंपाई का दिल्ली रवाना होने के बाद भी झारखंड कांग्रेस का यह संकट टलता है या पार्टी टूट की ओर बढ़ती है.
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