Ranchi- अपने बयानों के कारण मीडिया की सुर्खियों में छाये रहने वाले जामताड़ा विधायक डॉक्टर इरफान एक बार फिर से सुर्खियां बटोर रहे हैं. लेकिन इस बार का मुकाबला सियासत के घिसे पिटे चेहरों से नहीं झारखंड की राजनीति में घूमकेतू बन कर सामने आये टाईगर जयराम से होती नजर आ रही है. दोनों का यह वार प्रतिवार काफी रोचक अंदाज में आगे बढ़ता दिख रहा है. जिसमें एक छोर पर अपने अंदाजे बयां के लिए पहचाने जाने वाले डॉक्टर इरफान हैं तो दूसरी ओर अपने धारदार प्रवाह जोशीले भाषण के लिए मशहूर टाईगर जयराम. दोनों का यह जुबानी जंग सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है. जैसे ही एक छोर से वार सामने आता है, दूसरे छोर पर खड़े खिलाड़ी से चौके- छक्के की मांग की जाती है. खास कर जयराम समर्थक इस जुबानी जंग का लुत्फ उठाते दिख रहे हैं, जैसे ही टाईगर जयराम का तीर डॉक्टर इरफान को भेदता है, समर्थक तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इसका खैर मकदम करते नजर आते हैं.
कैसे हुई इसकी शुरुआत
दरअसल अभी हाल ही में टाईगर जयराम की सियासत पर तंज कसते हुए डॉक्टर इरफान ने कहा था कि हमें तो इसकी भाषा ही समक्ष में नहीं आती है, पत्ता नहीं किस भाषा में बात करता रहता है, लेकिन अंदाज के अनुसार वह अपनी दूसरी ही लाईन में यह भी बोल गयें कि भले ही उसकी भाषा समझ में नहीं आती है, लेकिन लड़का बोलता तो बहुत अच्छा है, जैसे ही जयराम को इस बात की जानकारी मिली कि इरफान ने सियासत के घिसे पिटे खिलाड़ियों को छोड़कर इस उनके साथ पंगा लेने का दुस्साहस कर दिखाया है. जयराम ने मोर्चा खोल दिया और वह सीधे जामताड़ा निकल पड़े और जैसा की होता कि जयराम के आने की खबर मिलती ही अच्छी खासी भीड़ गयी, युवाओं का काफिला उमड़ पड़ा., लोग जुटते चले गयें, भीड़ बढ़ा तो जयराम भी पूरे शवाब में नजर आने लगें और सीधे डाक्टर इरफान को निशाने पर कहा कि “ यह डॉक्टर इरफान भी अजीब डॉक्टर है, पता नहीं कौन सी बीमारी से ग्रस्त है कि इसे हमारी भाषा तो समझ में नहीं आती, लेकिन बोलता है कि मैं बोलता बहुत अच्छा हूं,” अब वह किसी मानसिक हालत से गुजर रहे हैं, यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन इतना निश्चित है कि इरफान की इस अजीब मनोदशा का इलाज जामताड़ा की जनता करेगी. विधान सभा चुनाव में इनको वह गोली खिलायेगी कि इनकी सारी बीमारी दुरुस्त हो जायेगी. और यह भले चंगे होकर निकलेंगे.
अपने को पिछड़ा बोलता है, लेकिन दुकान “अल्पसंख्यकवाद” की चलाता है
हालांकि टाईगर जयराम इरफान की प्रशंसा करने में भी पीछे नहीं रहें, जयराम ने कहा कि इरफान की परेशानी यह है कि वह आदमी तो अच्छा है, लेकिन उसकी पार्टी गलत है, वह खुद को पिछड़ी जाति का बताता है, लेकिन कभी पिछड़ावाद की राजनीति नहीं करता, सामाजिक सियासी क्षेत्र में पिछड़ी जातियों की हिस्सेदारी और भागीदारी के सवाल को कभी नहीं उठाता, इसके अलग वह अल्पसंख्यकवाद की दुकान खोले बैठा रहता है. इरफान को बताना चाहिए कि उनकी पार्टी में पिछड़ों का चेहरा कौन है, क्या कांग्रेस ने कभी पिछड़ों को सम्मान दिया है, कभी उनकी भागीदारी हिस्सेदारी की बात की है, कहां है कांग्रेस में आज पिछड़ा चेहरा, और जो हैं उनकी हैसियत क्या है? यदि इरफान वास्तव में पिछड़ों के प्रति इतना दर्द है तो आयें वह जेबीकेएसएस में, यहां उन्हे टिकट की मांग नहीं करनी पड़ेगी. आलकमान की चिरौरी नहीं करनी होगी, वह तो खुद टिकट बांटने वाला होंगे, पूरा जेबीकेएसएस में टिकट का वितरण वह करेंगे.
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