धनबाद(DHANBAD):धनबाद किस पर रोए, किस पर इतराए.सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का रोना रोए कि किडनी अस्पताल की जरूरत को सरकार तक पहुंचाये. आज किडनी दिवस है, लेकिन धनबाद एक किडनी अस्पताल के लिए भी तरस रहा है.धनबाद या कहे पूरे देश में किडनी के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन डायलिसिस की सुविधा नहीं बढ़ रही है. धनबाद की आबादी लगभग 30 लाख पहुंच गई है. लेकिन यहां किडनी अस्पताल नहीं बन पाया है. बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, मरीजों के इलाज की सुविधा के नाम पर धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक किडनी रोग विशेषज्ञ तक नहीं है.
धनबाद में किडनी मरीज के इलाज के नाम पर सिर्फ 11 डायलिसिस मशीन हैं
मरीज मेडिसिन विभाग में अपना इलाज कराते हैं या फिर प्राइवेट अस्पताल का रुख करते हैं .सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की योजना भी खटाई में पड़ी हुई है. जहां किडनी रोग विभाग शुरू होना है. मेडिकल कॉलेज में 182 करोड़ की लागत से 200 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का भवन बनाया गया है .उपकरण भी लगाए गए हैं .इसमें किडनी रोग विभाग भी है .जहां किडनी के मरीजों का इलाज करने का प्रस्ताव है. लेकिन झारखंड सरकार अब तक डॉक्टर और कर्मचारी नहीं दे सकी है.इस कारण अस्पताल शुरू नहीं हो रहा है. धनबाद में किडनी मरीज के इलाज के नाम पर सिर्फ 11 डायलिसिस मशीन हैं. धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल की यूनिट में पांच मशीन लगी है. आग लगी के कारण 2 मार्च से डायलिसिस बंद है. इसके अलावा सदर अस्पताल कैंपस में पीपी मोड पर संचालित डायलिसिस यूनिट में 6 मशीन लगी हुई है. आंकड़े बताते हैं की किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मशीनों को बाहर भेजने कि पिछले दिनों तैयारी चल रही थी
धनबाद में 182 करोड रुपए की लागत से बने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मशीनों को धनबाद से बाहर भेजने कि पिछले दिनों तैयारी चल रही थी. जिसका धनबाद के राजनीतिक दल के लोगों ने धनबाद से लेकर रांची तक विरोध किया. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिले .बन्ना गुप्ता ने भरोसा दिया था कि मशीन बाहर नहीं जाएगी और जल्दी ही डॉक्टर और कर्मियों की नियुक्ति कर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चालू कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं है. मरीज परेशान है. वैसे तो धनबाद में चिकित्सा सुविधा हमेशा सवालों के घेरे में रहती है. यहां ट्रॉमा सेंटर की मांग भी बहुत पुरानी है. आश्वासन मिलता है, हवा हवाई बातें की जाती है, लेकिन होता कुछ भी नहीं है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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