पटना(PATNA): नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बिहार का अगला मुख्यमंत्री क्यों बनाना चाहते हैं? यह सवाल पटना के राजनीतिक गलियारे में बार-बार पूछा जाता है? कुछ लोग इसे मंडलवादी राजनीति का विस्तार मानते हैं, तो कुछ इसे नीतीश कुमार की राजनीतिक विवशता, लेकिन इन सब अटकलबाजियों से हटकर पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार ने एक बड़ा खुलासा किया है. 2 अक्टूबर 2022 से अपने ‘जन सुराज यात्रा’ के साथ बिहार की गलियों की खाक छान रहे प्रशांत कुमार ने इसे बिहार के “चाणक्य” माने जाने वाले नीतीश कुमार का एक और राजनीतिक साजिश करार दिया है और बकौल प्रशांत कुमार यह साजिश किसी और के खिलाफ नहीं होकर उसी तेजस्वी यादव के खिलाफ है, जिसे सुशासन बाबू अपना राजनीतिक वारिस बता रहे हैं. अपनी राजनीतिक सभाओं में यह बार-बार संकेत दे रहे हैं कि बिहार को अब तेजस्वी ही चलायेंगे. युवा पीढ़ी के हाथों ही बिहार सुरक्षित रहेगा.
क्या है इसके पीछे सुशासन बाबू की रणनीति और राजनीति
क्या है इसके पीछे की रणनीति और राजनीति, नीतीश कुमार की सदेच्छा की कथित रुप से कलई खोलते हुए प्रशांत कुमार दावा करते हैं कि उनकी योजना तेजस्वी को सीएम बनाकर बिहार को एक बार फिर से अंधकार के दलदल में ढकेलने की है, ताकि तेजस्वी यादव की हरकतों से उब कर लोग एक बार फिर से उन्हे याद कर सकें और इस प्रकार सीएम की कुर्सी पर उनकी फिर से वापसी हो जाए.
2019 में एनडीए छोड़ने के लिए नीतीश कुमार को दिया गया था 17 सीट का ऑफर
अपने दूसरे खुलासे में प्रशांत कुमार दावा करते हैं कि 2019 के चुनाव के पहले ही नीतीश कुमार को एनडीए छोड़ने के बदले में 17 सीट का ऑफर किया गया था, लेकिन नीतीश कुमार ने इसे इंकार कर दिया था. वह उस समय तक नरेन्द्र मोदी का सामना करने के लिए तैयार नहीं थें.
अपनी ‘जन सुराज यात्रा’ के दौरान बार बार राजनीतिक खुलासा करते रहते हैं प्रशांत कुमार
यहां बता दें कि प्रशांत कुमार अपनी ‘जन सुराज यात्रा’ के दौरान रह-रह कर राजनीतिक खुलासा करते रहते हैं, इसके पहले प्रशांत कुमार ने यह दावा किया था कि नीतीश कुमार ने उन्हे मार्च 2022 में राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन के बारे में जानकारी दी थी. प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार ने उन्हें 'महागठबंधन' में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.
2024 के बाद भाजपा अपनी पार्टी से सीएम चेहरा देने की तैयारी में थी
बकौल प्रशांत किशोर नीतीश कुमार को यह खबर लग चुकी थी कि 2024 के बाद भाजपा उन्हे सीएम बनाने नहीं जा रही, भाजपा की कोशिश अपनी पार्टी से सीएम देने की होगी. इसी आसन्न खतरे को भांप कर नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार बनाने की .योजना पर काम कर रहे थें, नीतीश कुमार को कोशिश प्रशांत कुमार को भी महागठबंधन का हिस्सा बनाने की थी.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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