जहां टूट जाता है मोदी मैजिक का दम! हेमंत के उस "कोल्हान" में बाबूलाल खिलाने चले कमल

अधिकांश सीटें अनुसूचित जनजाति आरक्षित हो, लेकिन तमाम विधान सभाओं पर एक बड़ी महत्वपूर्ण आबादी कुर्मी-महतो आबादी की भी है, और ये कुर्मी मतदाता हार जीत का फैसला तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. पिछले दिनों भाजपा ने शैलेन्द्र महतो के साथ ही कई कुर्मी चेहरों को अपने साथ खड़ा किया है, दावा तो यह भी किया जाता है कि गीता कोड़ा जो कांग्रेस कोटे से वर्तमान सांसद है, वह भी कलम की सवारी कर सकती है, इस हालत में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी लोकसभा और विधान सभा चुनावों में बाबूलाल की मेहनत कितनी रंग लाती है, या तमाम सियासी चाल और ध्रुवीकरण की कोशिश के बावजूद हेमंत अपना हिम्मत दिखला जाता है.  

जहां टूट जाता है मोदी मैजिक का दम! हेमंत के उस "कोल्हान" में बाबूलाल खिलाने चले कमल