Ranchi: आज 23 अप्रैल है, खगोल की दुनिया में रुचि रखने वालों के लिए आज का शाम अकल्पनीय है. आज आसमान में बेहद ही रोचक घटना होने वाली है. आपको अद्भुत खगोलीय नजारा देखने का अवसर मिलेगा. सूरज के डूबते ही दो खगोलीय पिंडों की चमचमाती जोड़ी आपका स्वागत करने जा रही है.
शुक्र का चन्द्रमा के साथ मुस्कराता जोड़ी
आज की शाम आकाशमंडल का सबसे चमकदार ग्रह वीनस (शुक्र) की हंसियाकार (मुस्कराते हुए) चंद्रमा के साथ जोड़ी दिखने जा रही है. पिछले महीने दिखी जोड़ी में वीनस चंद्रमा के नीचे था, लेकिन इस बार वीनस चंद्रमा के बगल में होगा. इस अद्भुत खगोलीय घटना में एक खास बात यह होगी कि चंद्रमा हंसियाकार होते हुए भी पूरा गोलाकार दिखने का आभास कराएगा. इसमें लगभग 11 प्रतिशत चमकदार भाग के अलावा चंद्रमा का बाकी भाग भी हल्के प्रकाश के साथ दिखेगा.
खगोल की भाषा में इस खूबसुरत नजारे को अर्थशाईन कहा जाता है
खगोल विज्ञान में इसे अर्थशाईन कहा जाता है. कुछ लोगों के द्वारा इसे लियोनार्डो द विंची चमक (Da Vinci glow) भी कहा जाता है, दरअसल लियोनार्डो द विंची के द्वारा ही पहली बार वर्ष 1510 में अर्थशाईन की अवधारणा को रखा गया था.
सूरज की रोशनी पृथ्वी की सतह से परावर्तित होने पर दिखती है यह नजारा
वैज्ञानिका का कहना है कि अर्थशाईन उस खगोलीय परिस्थति को कहा जाता है, जब सूरज की रोशनी पृथ्वी की सतह से परावर्तित होती है और इसके कारण चंद्रमा की सतह के अंधेरे वाले हिस्से को भी रोशन कर देती है. रविवार की शाम को जब आप जब इस दिलकश नजारे का आनन्द लेंगे तब आपको इस बात का एहसास होगा कि आपसे लाखों कोस दूर खड़ा आपका चांद मामा आपकी पृथ्वी की रोशनी से जमगमा रहा है, यानि पृथ्वी की परावर्तित रोशनी से ही वह जगमगा रहा होगा. साफ है कि आपके इस चंदा मामा को जगमगाने में आपकी इस पृथ्वी का भी अहम योगदान है.
नये चांद की बांह में पुराना चंद्रमा
कई देशों में इस खगोलीय परिघना को अशेन ग्लो (ashen glow) या नये चांद की बांह में पुराना चंद्रमा ( the old Moon in the new Moon's arms) का नाम भी दिया जाता है. हालांकि आज रांची सहित झारखंड बिहार में शाम के वक्त आसमान में बादल छाये रहने की आशंका है, लेकिन यदि मौसम ने आपका साथ दिया तो दो पल फूर्सत के निकाल इस अद्भूत आसमानी नजारे का आनन्द लें.
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