रांची- लोहरदगा संसदीय सीट के भाजपा सांसद सुर्दशन भगत ने जनजातीय समाज में धर्मातंरण को झारखंड का बड़ा मुद्दा बताया है. उन्होंने दावा किया है कि झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में प्रार्थना सभा और चंगाई सभा के नाम पर धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है.
जनजातीय समाज प्रकृति से जुड़ा समाज
सुर्दशन भगत ने कहा है कि जनजातीय समाज प्रकृति से जुड़ा समाज है. हम अपने सभी पर्व त्योहारों में प्रकृति की पूजा करते हैं. नदी नाले, तालाब, जल जंगल और जमीन का संरक्षण जनजातीय समाज से बेहतर कोई दूसरा समाज नहीं कर सकता, जनजातीय समाज की मौजदूगी के कारण ही आज भी झारखंड में जल जंगल सुरक्षित है, नदी नालों का अस्तिव बचा हुआ है. यदि जनजातीय समाज पर खतरा उत्पन्न हुआ तो इन नदी नालों, जल जंगल और जमीन की हिफाजत करने वाला कोई नहीं होगा. उनके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो जायेगा.
जनजातीय समाज को किसी से पर्यावरण संरक्षण की सीख लेने की जरुरत नहीं
उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को किसी से पर्यावरण संरक्षण की सीख लेने की जरुरत नहीं है, यह हमारी जीवन पद्धति है, जीने का तरीका है. हमारा हर पर्व-त्योहार पर्यावरण संरक्षण का एक जीता जागता संदेश है.
आरोग्य भवन बरियातू में सरहुल मिलन समारोह के अवसर पर संबोधन
यहां बता दें कि सांसद सुर्दशन भगत आरोग्य भवन बरियातू में सरहुल मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थें. इसी दौरान उनके द्वारा जनजातीय समाज में तेजी से हो रहे धर्मातंरण पर चिंता व्यक्त की गयी.
जनजातीय समाज को प्रार्थना सभा और चंगाई सभा जैसे आयोजनों से बचना होगा
उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को प्रार्थना सभा और चंगाई सभा जैसे आयोजनों से बचना होगा, उन्हे अपनी परंपराओं से जुड़ा रहना होगा. क्योंकि उनकी परंपरा, रहन सहन, खान पान, पूजा पद्धति और परंपराओं के कारण ही हमारे नदी नाले, तालाब, जल जंगल और जमीनों का संरक्षण हो रहा है.
4+