रांची(RANCHI): मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को लेकर झामुमो असमंजस के साथ-साथ अब आक्रोशित भी है. वहीं, इस दौरान सोमवार को झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजभवन पर सवाल उठाया है. झामुमो केंद्रीय नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आज का दिन बेहद अहम और खास है. झामुमो के खिलाफ जो साजिश रची गयी थी उसके मुंह पर आज तमाचा पड़ा है. भाजपा के लोग झारखंड को लूटकर इसका आरोप झामुमो पर मढ़ रहे है. इसका जवाब आज सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को मिला है. हाई कोर्ट में फर्जी शेल कंपनी बनाकर हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका दायर की गई. लेकिन याचिका का तथ्य और विवेचना बेहद जरूरी है.
याचिका सिर्फ सरकार को अस्थिर करने के लिए : सुप्रियो
वहीं, सुप्रियो ने कहा कि खनन पट्टा और अवैध शेल कंपनी के मामले को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. उस वक्त भी झामुमो ने कहा था कि इस याचिका के माध्यम भाजपा सिर्फ हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर और बदनाम करने की साजिश रच रही है. कोर्ट में इस पर बहस भी चला फिर इसमें ईडी की एंट्री हुई और ईडी ने एक शील बंद लिफाफे में पत्र दायर कर राजभ वन भेज दिया.
कोर्ट का फैसला लोकतंत्र की जीत
सुप्रियो ने कहा कि यह जानने का अधिकार हमें था कि ईडी ने क्या दायर किया है लेकिन इससे हमें वंचित रखा गया और फैसला को सुरक्षित रख लिया गया. यह कार्रवाई सिर्फ एक व्यक्ति को बलि का बकरा नहीं बना सकते. कोर्ट ने कहा था की ईडी वही रिपोर्ट दायर करेगी जो निष्पक्ष होगी. उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पर ही रोक लगा दिया है. कोर्ट ने साफ कहा है कि यह याचिका सुनवाई के लायक नहीं है. यह सुनवाई लोकतंत्र की जीत दर्शाता है.
किम-जोंग से की तुलना
वहीं, सुप्रियो ने कहा कि यह देश किम-जोंग का नहीं बाबा साहेब अंबेडकर का देश है, यहां तानाशाही नहीं चलेगी. झामुमो के नेता सदन से सड़क तक बता रहे हैं कि यहां किम-जोंग को आदर्श मानने वाले तानाशाह का शासन नहीं चेलगा. यह देश संविधान के हिसाब से चेलगा.
जनता की अदालत में आए भाजपा : सुप्रियो
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने राज्य के लिए लड़ाई लड़ा लेकिन भाजपा के लोग उनके ही पार्टी को टारगेट कर रहे है. उन्होंने कहा कि आज तो कोर्ट में उन्हें उल्टी खानी पड़ी है, हम जनता की अदालत में जाने को तैयार है. भाजपा में अगर हिम्मत है तो वो जनता की अदालत में आए हम वहां भी तैयार है.
राज्यपाल ने मिलने से कर दिया इनकार : सुप्रियो
सुप्रियो ने कहा आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लोगों के दरवाजे पर जा रहे हैं. यह भाजपा को अच्छा नहीं लग रहा है. आखिर क्या देश में कोई मुख्यमंत्री अपने जनता के बीच नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या किसी राज्यपाल को दूसरा मंतव्य लेने का अधिकार है देश में. आज हमारा शिष्टमंडल राज्यपाल से मिलना चाहता था लेकिन राज्यपाल लाट साहब हैं, उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि क्या कोई राजभवन से किसी चुनी सरकार को गिराने की साजिश रची जाएगी. क्या यह हाल संविधान का हो गया है.
संवैधानिक संस्था पर उठ रहा सवाल
सुप्रियो ने कहा कि दूसरा मंतव्य लेने की क्या जरूरत है. आखिर पहले लिफाफे में क्या था या वह लिफाफा में कुछ था ही नहीं. आखिर चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था दूसरे संवैधानिक संस्था राजभवन को पत्र भेजता है. लेकिन ऐसा क्या हुआ की राज्यपाल ने अब तक कुछ स्पष्ट नहीं किया. क्या देश में चुनाव आयोग की कोई गरिमा नहीं बची. ऐसी हालत देख अब संस्था पर भी सवाल उठ रहा है.
रूस और यूक्रेन का युद्ध छिड़ा है झारखंड में !
वहीं, सुप्रियो ने राज्यपाल के द्वारा एटम बंम वाले बयान पर फिर सवाल उठाया है. सुप्रियो ने राज्यपाल से पूछा कि क्या यहां कोई युद्ध हो रहा है. क्या रूस और यूक्रेन का युद्ध छिड़ा हुआ है, यहां किसी राज्यपाल को ऐसी टिप्पणी करना शोभा नहीं देती है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची
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