रांची (RANCHI) : रघुवर दास ने कहा कि जब 23 अक्टूबर 2023 को भाजपा में त्याग पत्र दिया था. यह दिन मेरे लिए भावुक करने वाला था. लेकिन पार्टी ने जो दायित्व दिया उसे एक अनुशासित कार्यकर्त्ता के तौर पर स्वीकार किया. भगवान जगरनाथ की धरती पर यह बताने का काम किया कि गवर्नर लाट साहब नहीं है. ओडिशा के 30 जिले में घूम कर लोगों की समस्या को जानने की कोशिश की.
सरकार की योजनाओं के बारे में ग्रामीण इलाके में पहुंच कर उसकी जमीनी हक़ीक़त जाना है. अब वापस से सक्रिय राजनीती में लौटे हैं. उन्होंने कहा कि एक मज़दूर से इतने बड़े पद तक भाजपा ने भेजा है. इसके लिए वह पार्टी के कर्जदार है.
रघुवर दास ने कहा कि देश में चार बड़े पद से दो तक पार्टी ने पहुंचाया है. उन्हें किसी तरह की अब कोई लालसा नहीं है. एक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे. कहा कि राज्य की अस्मिता को बचाने के लिए काम करेंगे. धर्मांतरण से लेकर घुसपैठ का मामला बड़ा है. इससे राज्य और देश दोनों के लिए खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि देश में पहला ऐसा राज्य झारखण्ड बना था, जहां PFI को बैन किया था, लेकिन वापस से संथाल परगना में PFI की सक्रियता बढ़ गई है.
सरकार इस असंवैधानिक गतिविधि को रोकने के लिए काम करे. जनादेश उन्हें मिला है. राज्य के हित में बेहतर काम करे अपने वादों को पूरा करें. जिस तरह से पक्ष को ताकत है तो वैसे ही विपक्ष को भी अधिकार है. सरकार जनादेश का अपमान करेगी तो उसे मज़बूत भूमिका में याद दिला कर सरकार को मज़बूत करने का काम करेंगे.
रिपोर्ट-समीर
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